बंद होने की कगार पर पहुंची सिटी बसें, चलने के बजाय फाक रही धूल

Edited By Isha, Updated: 04 Nov, 2019 10:37 AM

city buses on the verge of closure dust bursting instead of moving

सिटी बस सेवा का शुभारंभ वर्ष 2010 में हुआ था। जेएनएनयूआरएम (जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण योजना) के तहत मिले 53 करोड़ रुपए से 150 बसें खरीदी गईं थी। विभाग ने 18 रूट प्रस्तावित.....

फरीदाबाद (ब्यूरो) : सिटी बस सेवा का शुभारंभ वर्ष 2010 में हुआ था। जेएनएनयूआरएम (जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण योजना) के तहत मिले 53 करोड़ रुपए से 150 बसें खरीदी गईं थी। विभाग ने 18 रूट प्रस्तावित कर उन पर बसों का परिचालन शुरू किया था। लेकिन 9 वर्ष बीतने के अब यह सिटी बस सेवा बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी है। लगभग 130 बसें बिना रख रखाव के कबाड़ा बन चुकी है।

इन डेढ़ सौ बसों में से केवल 25 बसें ही इस समय सड़क पर दौड़ रही है। कई बसें बल्लभगढ़ बस डिपो पर खराब पड़ी हुई है। साल 2018 में 52 बसें कंडम घोषित हो चुकी है। वहीं बची 98 बसों में से 73 बसें इस वक्त डिपो में खराब पड़ी हुई है। लेकिन ना तो नई बसें आई ना ही इन खराब बसों को दुरुस्त करने का इतंजाम किया गया। इन 150 बसों में से शुरुआत में 45 बसें वॉल्वो थी, फिलहाल 10 बसें ही चल रही है जबकि इस योजना की शुरुआत में कुल 54 वॉल्वो बसें इस डिपो पर आई थी।

जब यह योजना शुरू की गई थी उस वक्त 25 हजार किलोमीटर रोजाना बसें दौड़ती थी, जो अब घटकर चार से पांच हजार किलोमीटर हो गई है। ज्यादातर रूटों पर यह बसें बंद कर दी गई है।
विभाग से जुड़े लोगों के मुताबिक इन बसों को बनाने के लिए विभाग में कोई भी मकैनिक तैनात नहीं है। जब भी कोई बसें बस खराब होती है तो प्राइवेट मकैनिक बुलाना पड़ता है जो किकाफी महंगा पड़ता है।

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