देश के माहौल खराब करने के पीछे सीधे तौर पर चीन का हाथ :कंवर पाल गुज्जर

Edited By Isha, Updated: 27 Jan, 2021 05:16 PM

china is directly responsible for spoiling the environment

जितना इस आंदोलन के दौरान खर्च हो रहा है, समाज से कभी इतना पैसा इकट्ठा नहीं होता। मुझे 30 साल राजनीति करते हुए और सामाजिक व पार्टी के कार्यों के लिए चंदा इकट्ठा करते हुए हो गए हैं और मैं जानता हूं कि चंदा कभी इतना इकट्ठा नहीं हो सकता। जब आंदोलन

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी):  जितना इस आंदोलन के दौरान खर्च हो रहा है, समाज से कभी इतना पैसा इकट्ठा नहीं होता। मुझे 30 साल राजनीति करते हुए और सामाजिक व पार्टी के कार्यों के लिए चंदा इकट्ठा करते हुए हो गए हैं और मैं जानता हूं कि चंदा कभी इतना इकट्ठा नहीं हो सकता। जब आंदोलन की शुरुआत की गई तो चंदा इकट्ठा नहीं किया गया था। जब इनके बदनामी होनी शुरू हुई कि पैसा कहां से आ रहा है तो इन्होंने गांव में किले के हिसाब से पैसे इकट्ठा करने का ढोंग किया। लेकिन मैं जानता हूं कि अगर गांव में मंदिर, गुरुद्वारों के लिए भी चंदा इकट्ठा किया जाता है तो कभी भी पूरे गांव से पैसा इकट्ठा नहीं होता। यह बात आज पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान हरियाणा सरकार के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कही।

कंवर पाल गुज्जर ने आंदोलन के पीछे सीधे तौर पर चीन का हाथ बताते हुए कहा कि यह मेरा अपना मत है, मेरे अपने विचार हैं। क्योंकि इस आंदोलन में मौजूद 10-12 आयोजक पूर्ण रूप से चाइना माइंडेड लोग हैं और यह चाहते हैं कि किसी-न-किसी तरीके से सरकार को बल प्रयोग के लिए मजबूर किया जाए और फिर बाद में सरकार के खिलाफ माहौल बना दिया जाए। इसी के चलते लाल किले पर यह हरकत की गई। यह बहुत निंदनीय घटना थी।

उन्होंने कहा कि जब कहीं मर्डर होता है तो पुलिस सीधे तौर पर सबसे पहले प्रश्न यही पूछती है कि दुश्मनी किससे थी और फायदा किसको है। यही बात अगर आप यहां देखें कि भारत की दुश्मनी किससे है, और फायदा किसको होगा। कोरोना के बाद पूरी दुनिया का चाइना के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा था। बड़ी संख्या में चाइना में लगे दूसरे देशों के  उद्योग भारत में पलायन करना चाह रहे थे। इसलिए चाइना समर्थित विचारधारा के यहां मौजूद लोगों द्वारा इस आंदोलन को खड़ा किया गया  जिस प्रकार से शाहीन बाग के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं था और यह आंदोलन भी शाइन बाग का सेकंड पार्ट है। यह बिल पूरी तरह से किसान के हित में फायदे में साबित होंगे। लेकिन इन लोगों को किसान से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने लाल किले पर झंडा लगाने वाले शख्स के फोटो भाजपा के कई नेताओं के साथ होने के सवाल पर कहा कि भीड़ में मौजूद बहुत से लोग नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते हैं और वह फोटो खिंचवाने के बाद कहां जाते हैं, क्या करते हैं, नेता को कुछ पता नहीं होता और अगर नेता किसी के साथ फोटो नहीं खिंचवाते तो लोग नेता को घमंडी मानने लगते हैं।  गुर्जर ने कहा आंदोलन को भड़काने वाले लोगों के खिलाफ सख्त होनी चाहिए। क्योंकि समाज में कुछ लोग गलत काम को करते हैं। लेकिन परिणाम समाज के बहुत बड़े वर्ग को भुगतना पड़ता है। अगर देश में इंडस्ट्री न आई तो नुकसान बहुत बड़े वर्ग को होगा।     

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि आज अपने स्वार्थ के लिए किसान को मोहरा बनाया जा रहा है। देश में किसान की एक प्रतिष्ठा है और उसकी संख्या, उसकी ताकत बहुत बड़ी है और उसके ऊपर ही देश की राजनीति निर्भर है। देश के लोगों के दिलों में किसान के प्रति सम्मान बहुत ज्यादा है। इसीलिए उसका दुरुपयोग किया जा रहा है। जब किसान इन बिलों को सही प्रकार से समझ जाएगा तो यह आंदोलन तुरंत समाप्त हो जाएगा। क्योंकि आंदोलन को भड़काने वाले लोगों को पता है कि उनकी औकात सरकार के सीधे सामने आने की नहीं है। वह सरकार के सामने नहीं टिक पाएंगे।

कंवरपाल गुर्जर ने 1 फरवरी को संसद के लिए पैदल मार्च करने घोषणा पर जवाब दिया कि इस बारे में उनकी किसी से कोई बात नहीं हुई है। इस बारे में मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री ही बता पाएंगे। उन्होंने बताया कि कैबिनेट मीटिंग और अधिकारियों की मीटिंग हुई है। देश के हालातों के हिसाब से मीटिंग होती रहती है और ला एंड आर्डर को कंट्रोल में रखने के लिए बात की गई है। लेकिन इसकी ब्रीफिंग मुख्यमंत्री ही कर पाएंगे।

 

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