Edited By vinod kumar, Updated: 20 Apr, 2020 03:15 PM
कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह भी निकल ही आती है। ऐसा ही कुछ आजकल फतेहाबाद के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। लॉकडाऊन के बीच पककर खड़ी फसल की कटाई के लिए किसानों के सामने मजदूरों की समस्या सामने आ रही थी तो किसानों ने अपने बच्चों को साथ...
फतेहाबाद(रमेश): कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह भी निकल ही आती है। ऐसा ही कुछ आजकल फतेहाबाद के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। लॉकडाऊन के बीच पककर खड़ी फसल की कटाई के लिए किसानों के सामने मजदूरों की समस्या सामने आ रही थी तो किसानों ने अपने बच्चों को साथ लगा लिया।
स्कूलों में छुट्टियां होने के चलते बच्चे भी अपने माता पिता का साथ देने लगे, तो वहीं फुर्सत के क्षणों में मोबाइल के सहारे ऑन लाइन पढ़ाई भी कर रहे हैं। आजकल यह नजारा फतेहाबाद के ग्रामीण इलाकों में आम देखा जा सकता है। छोटे बच्चे जो फसलों की कटाई नहीं कर सकते वे पेड़ की छांव के नीचे या फिर खेतों में बने कमरों में मोबाइल के सहारे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं।
इससे जहां बच्चे भी सोशल डिस्टेंसिग में अपना सहयोग दे रहे हैं। वहीं उनके माता पिता भी निश्चित हैं कि उनकी अनुपस्थिति में कहीं बच्चे बाहर न निकल जाएं। खेतों में काम कर रहे किसानों से जब बात की गई तो उन्हाेंने कहा कि उन्हें दोहारा लाभ मिल रहा है , एक तो बच्चे उनकी निगरानी में है, दूसरा उनकी पढ़ाई भी बाधित नहीं हो रही।