मुख्यमंत्री मनोहर ने कैमला प्रकरण पर दी प्रतिक्रिया, कृषि कानूनों को लेकर कही बड़ी बात

Edited By Shivam, Updated: 10 Jan, 2021 06:56 PM

chief minister manohar lal press confrence

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज शाम 5 बजे मीडिया से बातचीत करेंगे। इस दौरान वे आज कैमला गांव में हुए किसानों द्वारा विरोध पर टिप्पणी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मीडिया कर्मियों को आमंत्रित किया है।

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज मीडिया से मुखातिब हुए और कैमला के घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया दी। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर ने कृषि कानूनों के विरोध पर भी बयान दिया और कृषि कानूनों को जीएसटी के समतुल्य लाभदायक बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि घरौंडा के विकास के लिए 100 करोड़ की योजनाएं हैं जो घरौंडावासियों को फिर कभी बता दी जाएंगी।

आज शाम मुख्यमंत्री मनोहर खुद मीडिया के सामने आए और अपना पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैमला गांव में किसान महापंचायत का आयोजन किसानों के प्रदर्शन पर सही स्थिति बताने के लिए किया गया था। प्रशासन से सरकार की बात हो गई थी कि किसान सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे, रैली में विघ्न नहीं डालेंगे। लेकिन इन आंदोलनकारियों ने वादा तोड़ा, हमारे नेता मंच पर थे। उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर के चलते वे वहां जाने की बजाए करनाल पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने एमरजेंसी में भी घिनौना काम पहले भी किया था, आज भी किया और आज भी किया। उन्होंने कहा कि कैमला में विरोध करने वाले किसान हीं बल्कि कांग्रेसी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी ने दो दिन पहले जो घिनोना भाषण दिया वह वह एक्सपोज हो गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट दोनों आपस में मिल कर यह खेल खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से वार्ता के लिए भी वामपंथी ही जाते हैं, लेकिन इनके पैर नहीं पसरने दिया जाएगा।



मनोहर ने कहा कि घरौंडा में हाइपर घटना हुई, जिसकी वह निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी का भी पहले विरोध हुआ, ऐसे ही कृषि कानूनों का भी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज जीएसटी की सभी तारीफ करते हैं। कृषि कानूनों पर बदलाव के लिए सरकार तैयार हैं। मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि किसानों को इस कानून को एक साल उपयोग में लाना चाहिए तभी इसके फायदे और नुकसान का पता चलेगा, लेकिन इसका विरोध करने वालों ने 'मैं न मानूं' की हठ धर्मिता अपना रखी है।

कृषि कानूनों पर आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार करना सरकार का काम नहीं बल्कि व्यवस्था ठीक रखना सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में राजस्व रिकार्ड का डिजिटलाईजेशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौन क्या बोए यह आवश्यकता का केन्द्र बिंदु है। उन्होंने कहा कि आज 5 साल का अन्न स्टॉक हमारे पास है।

गौरतलब है कि करनाल के  उपमंडल घरौंडा के गांव कैमला में आज मुख्यमंत्री मनोहर किसान महापंचायत को संबोधित करने वाले थे। जिसमें कृषि कानूनों संबंधित जानकारी अन्य कई विकास कार्यों की घोषणा करनी थी। लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम का पुरजोर विरोध करने का ऐलान किया हुआ था। आज जब कार्यक्रम आयोजित करने के लिए व्यवस्था की गई तो किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए और वहां लगे कुर्सी-टेंट उखाड़ फेंके। इस दौरान प्रशासन और किसानों को आमना सामना हुआ। आसू गैस के गोले भी दागे गए। हालांकि किसानों के विरोध के चलते मुख्यमंत्री को अपना कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।

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