जांच में मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने आरोप सही पाए

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 26 May, 2018 07:55 AM

chief minister flying driver found fault with the investigation

किसी छोटे कर्मचारी द्वारा हाजिरी को लेकर लापवाही या चालसाजी किए जाने की बात अक्सर सुनने में आती है लेकिन यहां तो जेल अधीक्षक ने ऐसा कार्य कर डाला, जिसे लेकर अधिकारी भी सकते में है। यह अधिकारी कई महीनों तक....

चंडीगढ़: किसी छोटे कर्मचारी द्वारा हाजिरी को लेकर लापवाही या चालसाजी किए जाने की बात अक्सर सुनने में आती है लेकिन यहां तो जेल अधीक्षक ने ऐसा कार्य कर डाला, जिसे लेकर अधिकारी भी सकते में है। यह अधिकारी कई महीनों तक नकली अंगूठे से हाजिरी लगाकर अपने निजी कार्यों को अंजाम देने में व्यस्त रहा। 

बताया जाता है कि उक्त अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच मुख्यमंत्री उडऩदस्ते द्वारा की गई और जांच में आरोप सही पाए गए लेकिन चर्चाएं हैं कि एक मंत्री का रिश्तेदार होने के चलते आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उक्त अधिकारी पलवल व फरीदाबाद की जेलों में नियुक्त रहा है। 

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आई.जी. जेल को पूर्व समय के दौरान उक्त अधिकारी के बारे में शिकायत मिली की वह नकली अंगूठे के माध्यम से बायोमैट्रिक में हाजिरी लगा रहे हैं और खुद ड्यूटी टाइम में किसी निजी धंधे में व्यस्त रहते हैं, जिसके बाद उन्होंने गुरुग्राम स्थित मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते के एस.पी. को इस मामले की जांच के निर्देश जारी किए। 

एस.पी. ने यह मामला उडऩदस्ते के निरीक्षक बिजेंद्र सिंह को इस मामले की जांच सौंपी। उक्त अधिकारी ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि आरोपी अधिकारी का कार्यालय जिला कारागार पलवल में स्थित है। वह अपने दैनिक प्रयोग में लाए जा रहे फोन नंबर को बायोमीट्रिक हाजरी के लिए इस्तेमाल करते हैं। एक जनवरी 2017 से 30 अप्रैल 2017 की अवधि तक का रिकार्ड निकलवाया गया।

जांच में पता चला कि उक्त अधिकारी द्वारा हाजरी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फोन नंबर करनाल स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता के नाम पर है जोकि आरोपी अधिकारी का रिश्तेदार है। जांच में पता चला कि जिस समय बायोमीट्रिक से हाजरी लगाई गई उस समय इस मोबाइल फोन की लोकेशन पलवल जेल न होकर उक्त अधिकारी का निवास या अन्य स्थान रहे हैं। 

आरोपी अधिकारी ने अपने अंगूठे की नकल तैयार करवा रखी है। जिसका दुरुपयोग करते हुए जेल कर्मचारी द्वारा ही उनकी हाजिरी लगाई जाती है। जांच अधिकारी ने तमाम सबूतों के आधार पर उक्त अधिकारी के विरुद्ध हरियाणा सिविल सर्विस सेवाएं दंड एवं अपील के नियम-7 के तहत विभागीय कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की है।

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