बदमाशों से लड़ते हुए घायल हुआ था बहादुर सब इंस्पेक्टर, कर्ज लेकर इलाज करवा रहे परिजन

Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Oct, 2017 01:49 PM

charki dadri injured sub inspector treatment

पुलिस को उसकी बहादुरी के लिए इनाम देना चाहिए लेकिन अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे धर्मबीर की मदद के लिए अभी तक सरकार आगे नहीं आई है। घायल सब इंस्पेक्टर की बहादुरी परिजनों के लिए लाचारी का सबब बन गई है। घायल धर्मबीर को सरकारी सुविधा नहीं दी गई,...

चरखी दादरी(प्रदीप साहू): पुलिस को उसकी बहादुरी के लिए इनाम देना चाहिए लेकिन अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे धर्मबीर की मदद के लिए अभी तक सरकार आगे नहीं आई है। घायल सब इंस्पेक्टर की बहादुरी परिजनों के लिए लाचारी का सबब बन गई है। घायल धर्मबीर को सरकारी सुविधा नहीं दी गई, जिसके कारण उसके परिवार को कर्ज लेकर उसका इलाज करवाना पड़ रहा है। परिजनों को जहां धर्मबीर सिंह के इलाज की चिंता सता रही है वहीं सरकार से आर्थिक सहयोग की मांग की है। जानकारी के अनुसार दादरी जिले के गांव मकड़ानी निवासी सब इंस्पेक्टर धर्मबीर फौगाट गत 8 सितम्बर को महेंद्रगढ़ में बदमाशों से मुकाबला करते हुए गोली लगने से अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। सिस्टम से लाचार धर्मबीर की जीवन भर की कमाई उपचार में ही खर्च हो चुकी है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बेटा विकास जहां कर्ज उठाकर पिता का इलाज करवा रहा है वहीं विभाग से भी लोन लिया है। हालांकि कुछ पुलिस कर्मचारियों ने पैसे एकत्रित करके धर्मबीर के इलाज में सहयोग जरूर किया है। मगर लगातार खर्च के कारण परिजनों को सरकारी सुविधा की दरकिनार है। 
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सीएम को पत्र लिखकर मांगा सहयोग
घायल पुलिस सब इंस्पेक्टर धर्मबीर के बेटे विकास ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक सहयोग की मांग की है। बेटा विकास व पुत्रवधु निर्मला ने बताया कि उनके पिता डेढ माह से अस्पताल में हैं और लगातार इलाज पर खर्च हो रहा है। हालांकि पुलिस विभाग से 5 लाख रुपए का भी लोन लिया गया है। अब तक करीब 10 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सीएम को पत्र लिखकर सहयोग की मांग की है।
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बहादुरी का सम्मान तो दूर हालचाल भी नहीं पूछा
धर्मबीर के बेटे ने बताया कि उनके पिता को बहादुरी के लिए सरकार या विभाग की ओर से कोई सम्मान की भी घोषणा नहीं की गई है। पिता की बहादुरी का सम्मान तो दूर, अस्पताल में हालचाल पूछने भी कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा। पुलिस विभाग के सिस्टम से हारकर अपने स्तर पर कर्ज लेकर इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। 

गंभीर घायलों के इलाज के लिए बढ़ी राशि नहीं मिली
धर्मबीर के बेटे विकास ने बताया कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा पंचकूला में महिला पुलिस दिवस पर गंभीर घायलों के इलाज के लिए 5 से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की घोषणा की थी। लेकिन विभाग में इस तरह का कोई लैटर नहीं आने के कारण सिर्फ 5 लाख रुपए की मिल पाए हैं। 

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