प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस समेत समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा मंत्री से मिले चंद्रमोहन

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Apr, 2021 12:30 PM

chandramohan meets education minister to solve problems fees private schools

प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस समेत अन्य समस्याओ के समाधान के लिए हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवंर पाल गुर्जर से उपमुख्यमंत्री रह चुके चंद्रमोहन बिश्नोई ने उनके निवास स्थान पर मुलाकात ...

चंडीगढ़ (धरणी) : प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस समेत अन्य समस्याओ के समाधान के लिए हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवंर पाल गुर्जर से उपमुख्यमंत्री रह चुके चंद्रमोहन बिश्नोई ने उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन के नेतृत्व में विजय बंसल(पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार),शशि शर्मा वरिष्ठ कांग्रेस नेता,रविन्द्र रावल पूर्व मेयर पंचकूला,प्रियंका हुड्डा,हेमंत किंगर,दीपांशु बंसल राष्ट्रीय कन्वीनर कांग्रेस छात्र इकाई आरटीआई सेल, सुषमा खन्ना, निपुण हुड्डा, अजय साई समेत अन्य कांग्रेसजनों के शिष्टमंडल ने शिक्षा मंत्री को प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस के कारण छात्रों व अभिभावकों पर पड़ रहे आर्थिक बोझ के बारे विस्तारपूर्वक बताया।

प्रमुख रूप से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस को नियंत्रित करने के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनाया जाए क्योंकि स्कूलों में खास तौर पर कोविड के चलते फीस नियंत्रण जरूरी है।उन्होंने पंचकूला में 140 प्रतिशत फीस वृद्धि का उदाहरण देते हुए बताया कि एक स्कूल में मासिक फीस 2300 से 5600 कर दी गई।ऐसा होने से शिक्षण संस्थानो में छात्रों व अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है जोकि गलत है।कोविड के चलते ऑनलाइन एजुकेशन के लिए अभिभावकों पर पहले ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का आर्थिक बोझ पढ़ा हुआ है,अब फीस वृद्धि से उनपर अन्य आर्थिक बोझ भी डालना सही नही है।

दरअसल,कोविड के कारण विकट परिस्थितियों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद किए गए है और विधार्थियों को आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अध्ययन करने पर विवश होना पड़ा और यहां तक कि कुछ कक्षाओं की परिक्षाएं भी आनलाइन करवाने के साथ साथ  कुछ कक्षाओं के विधार्थियों को बिना परीक्षा के ही आगामी कक्षाओं में पदोन्नति भी दे दी गई। श्री चन्द्रमोहन ने कहा कि अभिभावकों ने विषम वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद अपने बच्चों को इलैक्ट्रोनिक उपकरण जैसे स्मार्टफोन,लैपटॉप इत्यादि उपलब्ध करवाए ताकि उनके बच्चों का भविष्य धुमिल होने से बच सके। इन बच्चों का दुर्भाग्य यह रहा कि इनको कोविड जैसी विश्वव्यापी महामारी में इन स्कूलों द्वारा किसी भी प्रकार की राहत देने की अपेक्षा ट्यूशन फीस के साथ साथ परिवहन चार्जिज और इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अनेक प्रकार के चार्जिज लगाकर कोविड की मार झेल रहे अभिभावकों पर तुषारापात करके उनका जीवन दुष्वार बना दिया गया।

जिला स्तर पर मोनिटरिंग कमेटी के साथ स्कूलों के हिसाब किताब में पारदर्शिता जरूरी
चन्द्रमोहन ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि नीजि स्कूलों की बढ़ती हुई अराजकता पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस मामले में उचित कदम उठाने के साथ साथ इन पर अंकुश लगाने के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनाए जाने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है। इसके साथ ही विधार्थियों के हित में फैसला लेने की प्रक्रिया में अभिभावकों को शामिल करने के साथ साथ इन स्कूलों के हिसाब-किताब में पारदर्शिता लाने के लिए इनका हिसाब किताब सार्वजनिक रूप से अनिवार्य किया जाए।

स्कूलों में एनसीआरटी की बजाए निजी प्रकाशनों से किताबे लेने पर करते है अभिभावकों को विवश
पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा कि इतना ही नहीं इन स्कूलों ने कोविड के दौरान शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के सेवा को समाप्त कर दिया और उनको वेतन की अदायगी भी नहीं की, लेकिन अभिभावकों से रख-रखाव के चार्जिज सहित पिछले वर्ष की बच्चों की पूरी फीस वसूली गई।इसी प्रकार से इन स्कूलों द्वारा  एन सी आर टी और एस सी आर टी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के स्थान पर प्राइवेट प्रकाशकों द्वारा छापी गई महंगी पुस्तकें लगा कर अभिभावकों पर अनावश्यक रूप से बोझ डाला जाता है। ऐसा ही मामला स्कूल ड्रेस से सम्बंधित भी है। इस प्रकिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।                     ‌                 

जरूरतमंद छात्रों को फीस में मिले निजात,प्रबंध उपलब्ध करवाए सरकार
पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने मांग की है कि भारतीय संविधान की धारा 21 ए के अंतर्गत बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए इस मामले में शिक्षा विभाग  द्वारा तुरंत दखल देते हुए ऐसे मुसीबत के समय में इन अभिभावकों पर  अनावश्यक रूप से जो दबाव डाला जाता है उसे बचाया जा सकता है। ऐसे निजी स्कूलों के लिए जिनको सरकार ने सस्ते दामों पर जमीन उपलब्ध करवाई है, उनके लिए सरकार द्वारा गरीब बच्चों की फीस में छूट का एक विशेष प्रकार का प्रावधान किया जाए ताकि समाज के गरीब वर्ग के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उचित फीस पर चंडीगढ़ की  तर्ज पर उपलब्ध कराई जा सके। चंडीगढ़ में प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों पर नियंत्रण करने और उनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से की जाने वाली वसूली को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।) 

 ‌  

  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!