Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 29 May, 2018 01:53 PM
हरियाणा के स्वास्थ्य अौर खेल मंत्री अनिल विज द्वारा अधिकारियों को सस्पेंड करने के दिए आदेशों पर पंजाब केसरी से खास बातचीत हुई। जिसके तहत कैथल की कष्ट निवारण समिति की बैठक में बिना जांच के एसडीअो वेदपाल को सस्पेंड करने पर विज ने अपनी बात कही। विज ने...
चंडीगढ़(बलवंत तक्षक): हरियाणा के स्वास्थ्य अौर खेल मंत्री अनिल विज द्वारा अधिकारियों को सस्पेंड करने के दिए आदेशों पर पंजाब केसरी से खास बातचीत हुई। जिसके तहत कैथल की कष्ट निवारण समिति की बैठक में बिना जांच के एसडीअो वेदपाल को सस्पेंड करने पर विज ने अपनी बात कही। विज ने कहा कि ये कहना गलत है कि मैंने उसकी बात नहीं सुनी। मैंने कांटरेक्टर की सारी बात सुनी उसी दौरान वेदपाल वहां आ गया उसने अपनी बात कही। वह किसी अोर ही केस के बारे में बात करने लगा। हाईकोर्ट की टिप्पणी भी आपके फैसले के प्रतिकूल है पर विज ने कहा कि हाईकोर्ट फैसला करे कि एक भष्ट्राचारी की कैसे जांच करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कैथल में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने एसडीओ वेदपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने व सस्पेंड करने के आदेश दे दिए थे। जबकि यह मामला एसडीओ वेदपाल के अनुसार जांच किए जाने का था।
यह कोई पहला मामला नहीं था जब विज ने किसी को सस्पेंड किया हो। अनिल विज द्वारा एक महिला एसपी को सार्वजनिक तौर पर गेडआऊट कहना ठीक है पर विज ने कहा कि महिला एसपी ने कहा कि वह ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। विज ने कहा कि एसपी के ऐसा कहने पर ड्रग माफिया को बढ़ावा मिलेगा अौर मैंने उसे कहा कि आप कार्रवाई नहीं कर सकती हैं तो आप जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि फतेहाबाद में 27 नवंबर 2015 को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे। एक शिकायत की सुनवाई के दौरान विज ने एसपी कालिया को गेट आउट कह दिया था। कालिया बाहर नहीं गई तो विज ने खुद बैठक छोड़ दी थी। बाद में कालिया का तबादला कर दिया गया था।