Edited By Shivam, Updated: 18 Apr, 2021 10:39 PM
सोनीपत के गन्नौर खेड़ी रोड स्थित जाट धर्मशाला में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में मूलनिवासी बहुजन संगठनों द्वारा मजदूर संगोष्ठी व सामाजिक लोक कार्यवाही कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन...
सोनीपत (पवन राठी): सोनीपत के गन्नौर खेड़ी रोड स्थित जाट धर्मशाला में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में मूलनिवासी बहुजन संगठनों द्वारा मजदूर संगोष्ठी व सामाजिक लोक कार्यवाही कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन एक धर्मयुद्ध है, जिसमें एससी, बीसी, बहुजन समाज के लोगों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। जनता ने अंबानी व अडानी जैसे कॉरपोरेटों को यह देश बेच देने के लिए भाजपा सरकार को नहीं बनाया था। कॉरपोरेट के हाथों में किसानी चली जाने के बाद किसानों के साथ-साथ उनसे जुड़े मजदूर वर्ग को भी रोजगार नहीं मिल पाएगा। इसलिए किसान आंदोलन में मजदूरों व एससी, बीसी, बहुजन समाज के लोगों भी अपनी भागीदारी करनी होगी।
वहीं चढूनी ने कहा कि जिन-जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां कोरोना कोई मायने नहीं रखता, असल में कोरोना नाम को कोई बीमारी है ही नहीं, कोरोना भाजपा का दलाल है। कोरोना से लोगों को डरा कर यह सरकार देश को बेच रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में मौजूद किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी नहीं हुई।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान किसानों को हटाना सरकार की कमजोरी नहीं सहनशीलता है, पर चडूनी ने कहा कि यदि सरकार की यह सहनशीलता है तो किसानों पर रोहतक, सिरसा व पीपली में लाठियां क्यों चलवाई गई। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना की आड़ में सरकार की किसानों का आंदोलन समाप्त करने का प्रयास किया तो किसान सरकार की बदमाशी निकाल देंगे।
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