हादसों पर सतर्क हुई सरकार, सभी जिलों में चल रही एंबुलेंस में लगेंगे सीसीटीवी

Edited By vinod kumar, Updated: 09 Dec, 2019 10:29 AM

cctvs will be installed in ambulances running in all districts

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चल रही एंबुलेंस के हादसों का शिकार होने के बाद सतर्क हुई सरकार ने जहां सभी जिलों में चल रही एंबुलेंस में सी.सी.टी.वी. लगाने के निर्देश जारी किए हैं वहीं अब शराब पीकर एंबुलेंस चलाने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश...

करनाल(शर्मा) : प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चल रही एंबुलेंस के हादसों का शिकार होने के बाद सतर्क हुई सरकार ने जहां सभी जिलों में चल रही एंबुलेंस में सी.सी.टी.वी. लगाने के निर्देश जारी किए हैं वहीं अब शराब पीकर एंबुलेंस चलाने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश के हिसार,पलवल कई स्थानों पर एंबुलेंस गाडिय़ां हादसों का शिकार हो चुकी हैं। जिसके चलते विभाग द्वारा अब सभी एंबुलेंस में कैमरे लगाए जा रहे हैं। सूत्रों अनुसार विभाग द्वारा कुछ समय पहले अपने बेड़े में शामिल की गई 150 नई एंबुलैंस सी.सी.टी.वी. युक्त ही खरीदी गई हैं जबकि करीब 200 एंबुलैंस में सी.सी.टी.वी. लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

एक एंबुलेंस में आगे,पीछे तथा मरीज वाले पार्ट में 3 कैमरे लगाए जाएंगे। सभी एंबुलेंस के लिए पंचकूला में केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसके माध्यम से चालक,ई.एम.टी. तथा मरीज के तीमारदारों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक एवं एंबुलेंस प्रभारी डॉ.सूबे सिंह के अनुसार आमतौर पर मरीज के तीमारदारों तथा एंबुलैंस चालकों सहित ई.एम.टी. के बीच विवाद होते रहते थे जिसके चलते यह कैमरे लगाए जा रहे हैं। सभी एंबुलेंस में कैमरे लगाए जाने के बाद उनकी गतिविधियों पर पंचकूला से ही नजर रखी जा सकेगी।

क्या है प्रदेश में एंबुलेंस की स्थिति
प्रदेश के 22 जिलों में इस समय 380 एंबुलेंस चल रही हैं जिनमें 964 चालक तथा 670 एमरजैंसी मैडीकल टैक्नीशियन (ई.एम.टी.) को तैनात किया गया है। रैफरल सेवाओं तहत सेवाएं प्रदान करने वाली एंबुलैंस नियमानुसार आपात स्थिति के अलावा गर्भवती महिलाएं तथा डिलीवरी के 42 दिन तक नि:शुल्क सेवाएं देती हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा सिरसा में 3, मेवात में 3, पलवल में 2, नारनौल, झज्जर, पंचकूला व जींद में एक-एक मोबाइल यूनिट एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। जिनमें एक डाक्टर, एक स्टाफ नर्स, एक ए.एन.एम., फार्मासिस्ट व चालक होता है। इसके अलावा 5 जिलों अंबाला, भिवानी, फतेहाबाद, नारनौल व मेवात में नवजात बच्चों के लिए न्यूनेट एंबुलैंस चलाई जा रही हैं जिसमें बच्चों के लिए वैंटीलेटर की सुविधा तथा एक चलता फिरता एन.आई.सी.यू. वार्ड भी स्थापित किया गया है।

चालकों व ई.एम.टी. पर भी कसा जाएगा शिकंजा
एंबुलेंस हादसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी चालकों पर भी शिकंजा कसने का फैसला किया है। राष्ट्रीय हैल्थ मिशन ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और सिविल सर्जनों को एक पत्र लिखकर एंबुलेंस चालकों तथा ई.एम.टी. का मैडीकल चैकअप करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शराब पीकर एंबुलेंस चलाने वाले चालक का ड्रंक एंड ड्राइविंग का चालान भी किया जाएगा। नियमानुसार ई.एम.टी. की ड्यूटी मरीज के साथ बैठकर चलने की होती है लेकिन विभागीय अधिकारियों को मिली रिपोर्ट अनुसार आमतौर पर ई.एम.टी. कार्य में कोताही बरतते हुए मरीजों की देखभाल करने की बजाए चालकों के साथ बैठकर ही चलते हैं जिसके चलते अब कैमरे के माध्यम से उन पर भी नजर रखी जाएगी।

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!