Edited By Manisha rana, Updated: 31 Jul, 2021 04:30 PM
छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के साथ हुई डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी के तार हरियाणा के कई बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेसी से जुड़ते हुए ...
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : छत्तीसगढ़ की एक कंपनी के साथ हुई डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी के तार हरियाणा के कई बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेसी से जुड़ते हुए हैं। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह नटवरलाल हरियाणा की कई नामचीन हस्तियों के सीधे संपर्क में थे और यह ताकतवर लोग ही इनके मददगार हो सकते हैं। इसे लेकर दिल्ली पुलिस कभी भी हरियाणा के कई जिलों में कभी भी दबिश दे सकती है। सूत्रों के अनुसार इन की गिरफ्तारी के वक्त इनके पास हरियाणा के एक जेल सुप्रिटेडर्ड का मोबाइल नम्बर मिला है।इस जेल सुप्रिटेडर्ड से इन लोगों के संबंधों की जांच भी ही रही है।यह दोनों कथित अपराधी गुरुग्राम के रहने वाले हैं। मौजूदगी की पुख्ता जानकारी हासिल करने के बाद इनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की एक कंपनी एबीपी ट्रैवल्स एंड फैसिलिटी मैनेजमेंट द्वारा दो सगे भाइयों के खिलाफ पुलिस को एक शिकायत दी गई थी। शिकायत के अनुसार इन दो सगे भाइयों ने एक फर्जी कंपनी खोलकर इस कंपनी को करीब डेढ़ करोड़ का चूना लगाया है। शिकायतकर्ता जयप्रकाश के अनुसार एबीपी ट्रैवल्स एंड फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी को छत्तीसगढ़ सरकार ने डायल 112 से जुड़े ठेके दिए थे। उसी दिन से यह दोनो सगे भाई अरुण ढल और विकास ढल की कंपनी के लगातार संपर्क में थे।
उन्होंने कंपनी के कारोबार को बढ़ाकर 100 करोड़ तक ले जाने के भी सपने दिखाए। लेकिन कंपनी ने शुरुआत में इनसे व्यापार करने के लिए मना कर दिया था। लेकिन कुछ समय बाद कंपनी ने सहमति जता दी तो इन दोनों भाइयों ने लगातार कंपनी को चूना लगाया। इनके द्वारा अपने परिवार-अपने रिश्तेदारों की मदद से एक फर्जी कंपनी खोलकर फर्जी कर्मचारियों के नाम पर अकाउंट खुलवा कर उनके खातों में लगातार पैसों का ट्रांसफर किया गया। कुछ समय बाद जब कंपनी की आमदनी खर्चे से कम आंकी गई, तो आंतरिक जांच के दौरान पाया गया कि यह दोनों सगे भाई कंपनी को बड़ा चूना लगा चुके हैं।
इसके बाद शिकायत स्वरूप नगर थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पता लगाया कि यह दोनों सेक्टर 27 में छुपे हुए हैं। जहां छापेमारी के दौरान एक पिस्टल और हरियाणा के कई ताकतवर नेता और वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर और निजी संपर्कों के साक्ष्य मिले। पुलिस ने अरुण और विकास को गिरफ्तार कर लिया है। विकास कंपनी के सामने अपने आपको सेना का रिटायर्ड कैप्टन प्रस्तुत करता रहा है जिसकी पुलिस पड़ताल कर रही है कि कही यह संदिग्ध भूमिका में न हो। यह दोनों ठग कोई नए नहीं है। बल्कि पुलिस जांच में सामने आया है कि इनके खिलाफ 4 करोड़ की ठगी का मामला पहले भी दर्ज है।
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