बूढ़ी मां से बच्चों ने ही हड़पे 75 लाख, तीन ACP और एक SHO के खिलाफ मामला दर्ज(Video)

Edited By Shivam, Updated: 23 May, 2018 10:32 PM

गुरुग्राम पुलिस ने एक बेहद ही संजीदा मामले में तीन एसीपी और एक एसएचओ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कोर्ट के मार्फत ये केस सेक्टर-56 में दर्ज किया गया, जिसमें शिकायतकर्ता के बेटे-बेटी और बहू के अलावा एक डॉक्टर समेत 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया...

गुरूग्राम(सतीश): गुरुग्राम पुलिस ने एक बेहद ही संजीदा मामले में तीन एसीपी और एक एसएचओ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कोर्ट के मार्फत ये केस सेक्टर-56 में दर्ज किया गया, जिसमें शिकायतकर्ता के बेटे-बेटी और बहू के अलावा एक डॉक्टर समेत 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दरअसल शिकायतकर्ता बुजुर्ग पीड़िता का पति से डिवोर्स होने के बाद उसे 75 लाख रुपए मिले। जिसके बाद उसके ही बेटे व बेटी ने पैसों के लालच में उससे हेर-फेर की व सड़कों पर अकेला छोड़ दिया।

यहां जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, 2011 में सुमन विर्क का अपने पति के साथ डिवोर्स हुआ। उसके बाद उसके बेटे परविंद्र विर्क ने अपने साथ मां को रख लिया। बेटे ने मां के पास जो 75 लाख रुपए जमा थे वो फ्लैट लेने के नाम पर ले लिए और अपनी पत्नी के नाम फ्लैट लिया। सुमन विर्क ने इसका विरोध किया तो 20 अक्टूबर को 2012 को उसे कुछ नशीला पदार्थ खिला दिया, जिसके बाद सुमन को दिल्ली के अंधेरिया मोड़ स्थित तुलसी होम में पागल करार देकर भर्ती किया गया। जहां उसे होश खोने का इंजेक्शन दिया जाता था।

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इसके बाद किसी तरह 110 दिनों के बाद सुमन इस अस्पताल की दूसरी ब्रांच मांडी गांव दिल्ली से निकल आई। इस पूरे मामले की जानकारी गुरुग्राम पुलिस को दी। पुलिस ने इस मामले की जांच आईओ बाबूलाल को सौंपी। बाबू लाल ने इस पूरे मामले में जांच की और पाया कि सुमन के साथ घटित घटनाएं आपराधिक दायरे में आती हैं। 

पहले बेटे ने लूटा, फिर बेटी ने भी नहीं छोड़ी कसर
इसके बाद बेटे ने पुलिस में शिकायत होने के बाद सैटलमेंट करने पर अपनी मां सुमन विर्क को 24 लाख रुपए वापस कर दिए। इसके बाद सुमन की बेटी ने उसे अपने पास बुलाकर 24 लाख रूपये हड़प लिए। फिर सुमन को सड़क पर ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया।

पुलिस ने की कागजातों में हेर-फेर
इस मामले में बाबू लाल आईओ की जांच रिपोर्ट को बदलवाने के लिए तुलसी होम के संचालक डॉक्टर गौरव गुप्ता से मिलकर गुुरुग्राम पुलिस के 3 एसीपी और एक एसएचओ ने सुमन विर्क के मामले को आपराधिक श्रेणी से हटा कर उसे सामान्य घरेलू श्रेणी का घोषित कर दिया। 

सब जगह ठोकर मिलने के बाद खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
पुलिस प्रशासन से न्याय न मिलने पर सुमन विर्क ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में जो दस्तावेज जमा हुए, उसमें साफ हुआ कि सुमन विर्क मामले में जांच रिपोर्ट और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड की गई है। जिसके बाद कोर्ट ने तीन एसीपी, एक एसएचओ और सुमन के बेटे-बेटी समेत डॉक्टर गौरव गुप्ता के साथ 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद सेक्टर-56 में मामला दर्ज किया गया।

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