Edited By Deepak Paul, Updated: 06 Jan, 2019 10:10 AM
1800 खरीददारों का 1800 करोड़ रुपया हजम कर चुके बिल्डर ने हरेरा के आदेशों को भी ठेंगा दिखा दिया। हरियाणा रियल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी ने थ्रीसी और औरिस बिल्डर को आदेश दिया था कि 5 जनवरी से ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट का कार्य विधिवत आरंभ किया जाए लेकिन...
गुडग़ांव(पी.मार्कण्डेय): 1800 खरीददारों का 1800 करोड़ रुपया हजम कर चुके बिल्डर ने हरेरा के आदेशों को भी ठेंगा दिखा दिया। हरियाणा रियल एस्टेट रैगुलेटरी अथॉरिटी ने थ्रीसी और औरिस बिल्डर को आदेश दिया था कि 5 जनवरी से ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट का कार्य विधिवत आरंभ किया जाए लेकिन खरीददरों का आरोप है कि बिल्डर ने सिर्फ दिखावे की कार्रवाई आरंभ की है।
बिल्डर ने न तो लेआऊट प्लान तैयार किया है, न ही दोनों बिल्डरों के बीच एलाइनमैंट को लेकर कोई सहमति बन पाई है। खरीददारों का आरोप है कि ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट जहां पर बनना है वहां दिखावे भर की कार्रवाई की जा रही है जिससे हम संतुष्ट नहीं हैं। यहां तक कि जिस बिल्डर से हमने प्रोजैक्ट खरीदा वह इस प्रोजैक्ट को पूरा न करके दूसरा बिल्डर पूरा करेगा।
इस मामले को लेकर 8 जनवरी को हरेरा प्राधिकरण में फिर से सुनवाई होने जा रही है। ग्रीनोपोलिस वैल्फेयर एसोसिएशन बनाम ग्रीनोपोलिसन मामले की सुनवाई गत 18 दिसम्बर को हुई थी जिसमें हरेरा ने औरिस बिल्डर को आदेशित किया कि आगामी सभी खरीददारों को आगामी 4 जनवरी 2021 के पहले आवास उपलब्ध करवाए। इसके लिए आगामी 5 जनवरी से ग्रीनोपोलिस प्रोजैक्ट पर निर्माणकार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए था। यदि बिल्डर निर्माण कार्य में देरी करता है तो उसके ऊपर हरेरा 50 करोड़ रुपए जुर्माना लगा सकता है। इसके अलावा निर्धारित समय सीमा के भीतर यदि प्रोजैक्ट बनकर खरीददारों को नहीं दिया जाता तो भी प्रतिदिन के हिसाब से एक करोड़ रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ खरीददारों ने हरेरा के इस निर्णय पर असंतोष जाहिर किया था।