सरकारी स्कूलों में चल रही निजी बसों की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही, शिक्षा विभाग ने मांगी जानकारी

Edited By Isha, Updated: 11 Nov, 2019 10:54 AM

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निदेशक सैकेंडरी शिक्षा हरियाणा ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से सरकारी स्कूलों में छात्रों को लॉ व ले जा रहे छात्र परिवहन सुरक्षा योजना सत्र 2019-20 की जानकारी मांगी है। इसकी सूचना जैसे ही वाहन......

रतिया (ललित) : निदेशक सैकेंडरी शिक्षा हरियाणा ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से सरकारी स्कूलों में छात्रों को लॉव ले जा रहे छात्र परिवहन सुरक्षा योजना सत्र 2019-20 की जानकारी मांगी है। इसकी सूचना जैसे ही वाहन चालकों को मिली तो इनमें हड़कम्प मच गया क्योंकि अधिकतर सरकारी स्कूलों में छात्रों को लाने व ले जाने में जो वाहन लगाए गए हैं वह बहुत ही कंडम स्थिति के हैं। इनमें से कुछ वाहन तो ऐसे हैं जो अन्य प्रदेशों में नकारा हो चुके हैं।

ज्ञात रहे कि सरकार ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए वैन सुविधा पॉलिसी चलाई थी परंतु बहुत से सरकारी स्कूलों में स्कूल बस तो चल रही है परंतु सरकार की चलाई स्कीम से नहीं बल्कि अभिभावकों ने अपने ही तरीके से निजी वैन व बस सुविधा का प्रबंध कर रखा है। अब विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह जानकारी जुटाने का आदेश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में किस स्कूल में कितने वाहन चलाए जा रहे हैं। 

कितने छात्रों को इन का लाभ मिल रहा है इतना ही नहीं विभाग के निदेशक ने इस स्कीम में आ रही कठिनाइयों और सुझाव के लिए भी कहा है, लेकिन वैन चालकों को जब इस बारे में पता चला कि विभाग सरकारी स्कूलों की वैन की जानकारी ले रहा है तो उनमें हड़कम्प मच गया क्योंकि रतिया क्षेत्र की जितने भी सरकारी स्कूलों में स्कूल वैन या बस का कोई अन्य वाहन चल रहे हैं वह इस स्कीम के तहत वाहन नहीं चल रहे हैं। अधिकतर निजी कंडम और नकारा हैं। इन वैन के न ही कोई डॉक्यूमैंट और न ही कोई फिटनैस सर्टीफिकेट हैं।

इन वाहन चालकों को भय सत्ता रहा है कि कही उनके वाहन ही जब्त न हो जाएं।शिक्षा विभाग द्वारा दूरदराज से आने वाली छात्राओं के लिए सरकारी स्कूल में मुफ्त में साइकिल उपलब्ध करवाए जाते हैं, लेकिन कुछ छात्राएं ऐसी भी हंै जोकि काफी दूर से आती हैं सरकार ने ऐसी छात्राओं के लिए यह स्कीम चलाई थी ताकि छात्राओं को स्कूल आने में कोई दिक्कत न हो। परंतु अधिकतर स्कूलों में स्कूल वैन तो चली परंतु इस स्कीम के तहत नहीं चली। फिर इन वैन को अनुमति किस ने दी। इनकी स्थिति क्यों नहीं जांची गई या फिर अभिभावकों ने अपने बच्चों की सुरक्षा से इतना बड़ा समझौता क्यों कर रखा है। 

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