Edited By Shivam, Updated: 12 Mar, 2020 04:47 PM
आज के दौर में अक्सर बच्चे अपने माता-पिता से अलग होकर अपने आप से मतलब रखने लग जाते हैं, वहीं आज कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जो अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना अपने माता-पिता की सेवा करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सिरसा में पढऩे वाली नेहा रानी ने। नेहा ने...
सिरसा (सतनाम सिंह): आज के दौर में अक्सर बच्चे अपने माता-पिता से अलग होकर अपने आप से मतलब रखने लग जाते हैं, वहीं आज कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जो अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना अपने माता-पिता की सेवा करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सिरसा में पढऩे वाली नेहा रानी ने। नेहा ने अपने पिता को अपना लिवर देकर उनकी जान बचाई है।
नेहा दिल्ली के ग्रेटर कैलाश की निवासी है और सिरसा के एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ाई करती हैं। बेटी नेहा अपने पिता की जान बचाकर खुद को गर्वान्वित महसूस कर रही है। नेहा के इस साहसिक कार्य को देखते हुए शिक्षण संस्थान ने नेहा को सम्मानित भी किया है।
नेहा ने बताया कि उसके पिता को लिवर में ट्यूमर था और डॉक्टरों ने जल्द लिवर बदलने की सलाह दी थी। नेहा ने बताया कि उसके परिवार में उसकी मां, भाई- भाभी भी है लेकिन सबसे पहले उसने ही अपना लिवर देने की इच्छा जताई। डॉक्टरों द्वारा जांच करने के बाद उसने अपने पिता को अपना लिवर दे दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे माता पिता बच्चों के लिए अपना जीवन न्यौछावर करते हैं, उसी तरह बच्चों को भी अपने माता पिता की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर करना चाहिए।
वहीं संस्थान की प्रिंसिपल डॉ. शीला पूनिया ने भी नेहा के साहसिक कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ इन्सानियत का पाठ भी पढ़ाया जाता है।