कैबिनेट ने हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 बनाने की स्वीकृति दी

Edited By vinod kumar, Updated: 15 Jun, 2021 10:24 PM

cabinet approves making haryana consumer protection rules 2021

हरियाणा में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग और जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सेवा शर्तों को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते और सेवा की शर्तें) नियम, 2021 को प्रख्यापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और यह नियम सरकारी राजपत्र में इनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

भारत सरकार ने 15 जुलाई, 2020 की अपनी राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को निरस्त कर दिया था और नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 प्रकाशित किया, जो 20 जुलाई, 2020 से लागू हुआ। नए अधिनियम के तहत, केंद्र सरकार ने ‘‘उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते और सेवा की शर्तें), मॉडल नियम, 2020’’ तैयार किए हैं।

हालांकि, नए अधिनियम की धारा 102 के साथ पठित धारा 30 और 44 के तहत, यह कहा गया है कि राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन और भत्ते तथा सेवा के अन्य नियमों और शर्तों के लिए नियम बना सकती है।

राज्य आयोग के अध्यक्ष को देय वेतन और भत्ते
राज्य आयोग के अध्यक्ष को वही वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी जो पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश के लिए स्वीकार्य हैं।

राज्य आयोग के सदस्यों को देय वेतन और भत्ते
सदस्य एचआरए, कन्वेंयस, टीए/डीए आदि सहित अन्य आवश्यक भत्तों के साथ 80,000 रुपये प्रति माह के निर्धारित मानदेय के हकदार होंगे।

जिला आयोग के अध्यक्ष को देय वेतन और भत्ते
अध्यक्ष हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारियों को भत्ते) नियम, 2016 के प्रावधानों के अनुसार चिकित्सा भत्ते के साथ एक जिला न्यायाधीश के लिए स्वीकार्य वेतन के बराबर वेतन के हकदार होंगे।

जिला आयोग के सदस्य को देय वेतन एवं भत्ते
सदस्य एचआरए, कन्वेंयस, टीए/डीए आदि सहित अन्य आवश्यक भत्तों के साथ 55,000 रुपये प्रति माह के एक निर्धारित मानदेय के हकदार होंगे।

राज्य आयोग या जिला आयोग में अध्यक्ष के कार्यालय, जैसा भी मामला हो, में आकस्मिक रिक्ति के मामले में, राज्य सरकार के पास वरिष्ठतम सदस्यों को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त करने की शक्ति होगी।

अन्य सेवा शर्तें
अध्यक्ष या सदस्य राज्य आयोग या जिला आयोग जैसा भी मामला हो, की सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद राज्य आयोग या जिला आयोग के समक्ष प्रैक्टिस नहीं करेंगे। अध्यक्ष या सदस्य राज्य आयोग या जिला आयोग, जैसा भी मामला हो, में इन क्षमताओं में कार्य करते हुए कोई मध्यस्थता का कार्य नहीं करेंगे। राज्य आयोग या जिला आयोग के अध्यक्ष या सदस्य, जैसा भी मामला हो, उस तिथि जिसको वे पद धारण करना बंद कर देते हैं, से दो साल की अवधि के लिए, ऐसे किसी भी व्यक्ति के प्रबंधन या प्रशासन से जुड़े किसी भी रोजगार को स्वीकार नहीं करेंगे जो राज्य आयोग या जिला आयोग के समक्ष किसी कार्यवाही में पक्षकार रहा हो।

बशर्ते कि इस नियम में निहित कुछ भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या किसी भी वैधानिक प्राधिकरण के तहत या किसी भी केंद्रीय, राज्य या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित किसी भी निगम या कंपनी अधिनियम, 2013(2013 का केंद्रीय अधिनियम 18) की धारा 2 का खंड (45) में परिभाषित किसी सरकारी कंपनी में किसी भी रोजगार पर लागू नहीं होगा।

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