Edited By Isha, Updated: 03 Dec, 2019 01:35 PM
जिले में कई रूटों पर निजी आप्रेटरों की बसें बिना परमिट के दौड़ रही हैं। अवैध रूप से चल रही इन बसों के मालिक सरकार को टैक्स के रूप में एक पैसा भी नहीं दे रहे। इससे सरकार को टैक्स चोरी.......
जींद (जसमेर) : जिले में कई रूटों पर निजी आप्रेटरों की बसें बिना परमिट के दौड़ रही हैं। अवैध रूप से चल रही इन बसों के मालिक सरकार को टैक्स के रूप में एक पैसा भी नहीं दे रहे। इससे सरकार को टैक्स चोरी के रूप में चूना लग रहा है तो हरियाणा रोडवेज के जींद डिपो को भी नुक्सान हो रहा है। रूटों पर निजी बसों के अवैध रूप से चलने को लेकर खुद डिपो के महाप्रबंधक ने आर.टी.ए. सचिव कार्यालय को पत्र लिखा है। अभी तक उनके पत्र पर कोई बड़ी कार्रवाई आर.टी.ए. सचिव कार्यालय ने नहीं की है।
निजी आप्रेटर केवल उसी सूरत में अपनी बसों को रूटों पर चलाकर उनमें सवारी ढोह सकते है, जब उनके पास उस रूट का परमिट हो। सरकार और परिवहन विभाग रूटों के लिए पहले आवेदन आमंत्रित करता है। उसके बाद रूटों के लिए निजी आप्रेटर आर.टी.ए. सचिव कार्यालय में अपने आवेदन जमा करवाते हैं। बस की पासिंग के बाद रूट परमिट जारी किए जाते हैं।
रूट परमिट जारी होने के बाद ही निजी बस को उस रूट पर यात्रियों को ढोने के लिए चलाया जा सकता है, जिस रूट के लिए परमिट जारी होता है। रूट पर बस चलाने के लिए परमिट लेने के बाद संबंधित रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक, आर.टी.ए. सचिव कार्यालय और निजी आप्रेटरों की बैठक में बस की टाइमिंग निर्धारित होती है कि वह बस किस समय कहां से चलेगी और वापस किस समय आएगी। इतनी लम्बी प्रक्रिया के बाद ही निजी आप्रेटर बस को रूट पर चला सकता है।