सिर्फ 3 घंटे में गुजरात से फरीदाबाद पहुंचा बोन मैरो, मिली एक को जिंदगी

Edited By Isha, Updated: 20 Nov, 2019 11:00 AM

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18 नवम्बर की रात अन्य लोगों के लिए तो सामान्य रात ही थी परन्तु 18 वर्ष के एक युवा के लिए बड़ी महत्वपूर्ण थी जिसका ईलाज सर्वोदय हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में ए.एल.एल. नामक ब्लड कैंसर के ..........

फरीदाबाद (सूरजमल) : 18 नवम्बर की रात अन्य लोगों के लिए तो सामान्य रात ही थी परन्तु 18 वर्ष के एक युवा के लिए बड़ी महत्वपूर्ण थी जिसका ईलाज सर्वोदय हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में ए.एल.एल. नामक ब्लड कैंसर के लिए चल रहा था, क्यूंकि सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद में पहली बार बोन मेरो सेल को किसी अन्य जगह से लाकर प्रत्यारोपित किया गया। बोन मेरो को लगभग साढे तीन घंटे में ही अपोलो हॉस्पिटल अहमदाबाद से बिना किसी नुकसान के सर्वोदय हॉस्पिटल फरीदाबाद तक पहुंचाया गया। 

इस प्रक्रिया में विशेषकर अपोलो हॉस्पिटल अहमदाबाद, दात्री संस्था, एयरपोर्ट अथॉरिटी  और ट्रैफिक पुलिस ने बोन मेरो ट्रांसप्लांट को सफल बनाने में सर्वोदय हॉस्पिटल की मदद की। बोन मेरो के सेल्स बहुत ही संवेदनशील होते है और किसी भी प्रकार के स्कैन या एक्स रे किरणों से प्रभावित होकर खराब हो सकते हैं। इसलिए उनको एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने के लिए विशेष एतिहात बरतने की जरुरत होती है।

साथ ही इनके जल्दी प्रत्यारोपित न करने की अवस्था में जल्दी खराब होने का खतरा रहता है इसलिए दूर ले जाने पर हवाई मार्ग का सहारा लिया जाता है, चूकि हवाई मार्ग से सफर करने पर एयरपोर्ट चैकिंग में एक्स -रे व अन्य स्कैनिंग उपकरणों का सहारा लिया जाता है, इसलिए इस प्रकार के आवागमन की लिखित जानकारी संबंधित विभागों में पहले से ही दी जाती है। जिससे बोन मेरो समय रहते ही बिना किसी क्षति के सही जगह पर पहुंच कर प्रत्यारोपित की जा सकें।

सर्वोदय हॉस्पिटल के कैंसर रोग एवं बोन मेरो ट्रांसप्लांट विभाग के वरिष्ठ विषेशज्ञ डॉ. सुमंत गुप्ता की अध्यक्षता में एक टीम ने इसे रात के 12 बजकर 55 मिनट पर हॉस्पिटल पहुँचाया। डॉ. सुमंत गुप्ता के बताया कि पहले से तय रणनीति के तहत मरीज कीमोथेरपी देकर स्टेबल किया गया और फिर आधुनिक टी.बी.आई. तकनीक से विशेष रेडिएशन देकर बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए तैयार किया जा रहा था। 

आमतौर पर ब्लड के सभी कैंसर ईलाज न करवाने की अवस्था में जानलेवा साबित हो सकते है, परन्तु आधुनिक तकनीक और ईलाज से मरीज को किसी भी स्टेज के ब्लड कैंसर से बचाया जा सकता है इसलिए जरुरत होती है कि मरीज शुरुआती स्टेज में ही ईलाज करवाना शुरू दे। सर्वोदय हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने डॉ. सुमंत गुप्ता और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए बताया कि दिल्ली - एन.सी.आर. गिने चुने हॉस्पिटल में ही यह सुविधा उपलब्ध है। 

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