अरहर और मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए भाजपा ने नई योजना : खट्टर

Edited By kamal, Updated: 21 May, 2019 04:56 PM

bjp plans new scheme to promote arhar and mecca cultivation khattar

चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानी और धान की खेती को लेकर हरियाणा निवास में प्रेस कांफ्रेस की है...

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानी और धान की खेती को लेकर चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में प्रेस कांफ्रेस की है। खट्टर ने प्रेसवार्ता करते कहा कि चुनाव के दौरान मोदी लहर देखने को ज्यादा मिली है, 295 से 305 सीटें आएगीं। उन्होंने कहा हरियाणा में प्रो-इंकंबेंसी फैक्टर है। पार्दर्शी नीतियों के कारण लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं। और हमने किसानों को मुआवजे दिए है। जहां बिजली नहीं थी वहां बिजली 24 घंटे उपलब्ध करवाई गई है।

खट्टर ने कहा धान बोने के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन सरकार नहीं देगी। उन्होंने 7 ब्लॉक में पीने के पानी का संकट होने के चलते लोगों द्वारा चुनाव के बायकॉट की सूचना मिली है। इस लिए यह गावों में पीने वाले पानी की कमी को दूर करने के लिए भाजपा द्वारा योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन महीनों में कोई गांव ऐसा नहीं होगा, जहां पीने वाले पानी की व्यवस्था ना हो। कहा कि चाहे ट्यूबवेल से जाए चाहे कैनाल से पानी अवश्य पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि साथ ही सूखे तालाबों को वर्ष में दो बार भरा जाए ये उनका लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की अनुमति के चलते यह प्रेस कांफ्रेस की जा रही है। प्रदेश में जलसंकट की स्थिति को लेकर सरकार ने नए फैसले लिए है। धान की खेती को हतोत्साहित करने की दिशा में उठाए जाएंगे कदम। उन्होंने कहा हरियाणा गर्म प्रदेश है, समुन्द्र से दूर और वर्षा भी बहुत कम होती है।साथ ही ऐसा कोई सिस्टम नहीं जिससे बारिश के पानी को बचा कर रखा जा सके। हरियाणा के लिए कोई सीधी नदी नहीं है।पानी को लेकर दिल्ली का भी दबाव रहता है।

इसे हम मानवता के नाते निभाते आये हैं।भूजल स्तर गिरने से स्थिति बिगड़ रही है। वहीं प्रदेश के आधे जिले डार्क जोन की ओर बढ़ रहे हैं। 9 जिलों में जल दोहन अधिक है।हमारी जमीन में 74 प्रतिशत जलनिकास अलग-अलग माध्यमों से हुआ है। धान के विकल्प के तौर पर पायलेट योजना और 7 जिलों के 7 खण्डों के लिए योजना बनाई गई। अभी इनमें 1.95 लाख हेक्टेयर धान से 50 हजार हेक्टेयर में मक्का, अरहर की खेती में शिफ्ट करने की योजना तैयार की गई है।

इस क्षेत्र में जो धान की खेती नहीं करेंगे उन्हें 2 हजार रुपए एकड़ दिए जाएंगे। वहीं मक्का का उच्च गुणवत्ता का बीज दिया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान का 2 प्रतिशत भी सरकार देगी, जो 766 रुपए प्रति एकड़ मक्का, अरहर की एमएसपी पर सरकार खरीद करेगी। खट्टर ने कहा अभी 22 हजार हेक्टेयर में मक्का का उत्पादन हो रहा है। मक्का फसल की अवधि 100 दिन तो धान की 130 दिन है। इससे गेंहू जल्दी बुवाई के लिए समय मिलेगा।

साथ ही उन्होंने कहा मक्का के अवशेष पराली की तरह काम आएगा। अटेरना, मनौली में फसल विविधीकरण के बड़े उदाहरण बने हैं। एक किलोग्राम चावल उगाने के लिए 3000 से 3500 लीटर पानी की खपत होती है। मक्का की खेती में प्रति हेक्टेयर एक लाख लीटर पानी की बचत होगी। अरहर, सोयाबीन खेती के लिए भी हैं योजना बनाई गई है। धान की सीधी बिजाई में पानी कम लगता है, इसके बीज के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। हरियाणा में तालाब प्राधिकरण है, जिसमें 14 हजार तालाबों के सुधारीकरण के लिए योजना है। 3 हजार तालाब को थ्री पाण्ड, फाइव पाण्ड सिस्टम के दायरे में लाया गया है। एनजीटी ने भी हरियाणा के इन प्रयासों को सराहा है।

 

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