BJP-JJP कार्यकर्ताओं में नहीं बन रहा आपसी तालमेल, उप-मुख्यमंत्री पर 3 तरफ से बना हुआ है दबाव

Edited By Isha, Updated: 10 Dec, 2019 11:30 AM

bjp jjp workers not forming mutual rapport

हरियाणा की सत्ता में भाजपा का सहयोगी दल जजपा के प्रमुख दुष्यंत चौटाला की उप-मुख्यमंत्री के रूप में कार्यप्रणाली कई भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रही है क्योंकि दुष्यंत चौटाला के बहाने कई भाजपा नेताओं

डेस्क(धामु)- हरियाणा की सत्ता में भाजपा का सहयोगी दल जजपा के प्रमुख दुष्यंत चौटाला की उप-मुख्यमंत्री के रूप में कार्यप्रणाली कई भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रही है क्योंकि दुष्यंत चौटाला के बहाने कई भाजपा नेताओं के कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं। उप-मुख्यमंत्री चौटाला इनैलो की परम्परागत कार्यशैली में काम कर रहे हैं। वह जिस तरह से अपना पूरा समय पार्टी को देते थे,उसी तरह उप-मुख्यमंत्री के रूप में भी काम करना शुरू किया है। दुष्यंत चौटाला अपने चंडीगढ़ के सिविल सचिवालय के कार्यालय में देर रात तक अधिकारियों से बैठक करते देखे जा सकते हैं। 

बताया जा रहा है कि एक बार उनको मुख्यमंत्री की बैठक में भाग लेने जाना था परन्तु जाते समय वह अपने अधिकारियों को उनके आने तक ठहरने के निर्देश देकर गए और उन्होंने उस दिन देर रात को अपना कार्यालय छोड़ा। इतना ही नहीं वह अपनी बैठकों में पूरा होमवर्क करके जाते हैं। अगर किसी विषय पर कोई अधिकारी उनको ज्ञान बांटने लगता है तो वह उस अधिकारी से ही उसके विभाग के 4 नए सवाल पूछ लेते हैं इसलिए अब चौटाला की बैठक में जाने से पूर्व अधिकारी सभी फाइल अपडेट करके पहुंचते हैं। 
सरकार में गृहमंत्री अनिल विज के बाद दुष्यंत चौटाला ऐसे मंत्री हैं जिनके सामने अधिकारी अधिक बातें नहीं बनाते। आत्मविश्वास और पूर्ण जानकारी के आधार पर दुष्यंत चौटाला द्वारा लिए जाने वाले कई निर्णय भाजपा नेताओं और समर्थकों को रास नहीं आ रहे हैं। इसलिए अब आकर उप-मुख्यमंत्री चौटाला को भाजपा के कई विधायकों और समर्थकों की खामोश नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।    

जजपा विधायक चाहने लगे हैं लाभ के पद
दुष्यंत चौटाला को जहां भाजपाइयों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उनको अपने ही विधायकों की बेचैनी का भी आभास है। जजपा विधायक अपने नेता पर सरकार में राजनीतिक पद दिलवाने को लेकर अब दबाव बनाने लगे हैं क्योंकि अभी तक जजपा के खाते से दुष्यंत चौटाला के अलावा अनूप धानक को ही राज्य मंत्री बनाया गया है जबकि एक कैबिनेट मंत्री भी बनाया जाना है। दूसरी ओर भाजपा और जजपा कार्यकत्र्ताओं और समर्थकों में आपसी तालमेल नहीं बन पाया है।

डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी हालात यह है कि जजपा मंत्री आने पर केवल जजपा कार्यकत्र्ता पहुंचते हैं तो भाजपा के मंत्री के कार्यक्रम में भाजपाई ही जाते हैं। अभी तक देखने में आया है कि पार्टी कार्यकत्र्ता अभी एक-दूसरे के कार्यक्रमों में मौजूद नहीं रहते हैं। बताया गया है कि जजपा और भाजपा इस गम्भीर विषय पर मंथन करेंगे ताकि ग्राऊंड लैवल पर दोनों दलों के कार्यकत्र्ताओं में आपसी तालमेल बन सके। 

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