दिसम्बर की ठंड में गर्मी लाएगी भाजपा और कांग्रेस

Edited By Isha, Updated: 01 Dec, 2019 12:14 PM

bjp and congress will bring heat in the cold of december

हरियाणा में नई सरकार गठन होने के करीब 1 महीने के बाद से ही सभी दलों ने अपने संगठन को मजबूत करने हेतु योजना पर काम शुरू कर दिया है। अभी किसी प्रकार की कोई रैली या चुनाव की कोई बात

पानीपत (खर्ब) : हरियाणा में नई सरकार गठन होने के करीब 1 महीने के बाद से ही सभी दलों ने अपने संगठन को मजबूत करने हेतु योजना पर काम शुरू कर दिया है। अभी किसी प्रकार की कोई रैली या चुनाव की कोई बात भी नजदीक तक नहीं है, लेकिन इसके बाद भी हरियाणा के सियासी दलों ने मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। भाजपा 1  से 10 दिसम्बर तक पार्टी के सक्रिय सदस्य बनाएगी। इसके बाद बूथ, मंडल और जिला अध्यक्ष के चुनाव होंगे। संगठन चुनाव के बहाने भाजपा अपने जनाधार को बढ़ाने के प्लान पर काम कर रही है। जबसे भाजपा को 75 पार नारे की जगह 40 सीटें मिली हैं तभी से भाजपा संगठन ने ङ्क्षचतन बैठकों का दौर शुरू कर दिया था। उसी के तहत अब सक्रिय सदस्य बनाने का अभियान तेज कर दिया है। हालांकि भाजपा पदाधिकारी इसे अपनी पूर्व की नियमित योजना का हिस्सा बताते हैं। 

भाजपा गठबंधन सरकार में आजाद विधायकों के साथ जजपा की कुछ समान योजनाओं पर काम करते हुए अपने एजैंडे को आगे बढ़ाती रहेगी। यदि दूसरी पार्टी का ही सहारा लिया जाता रहा तो आने वाले समय में यह एक दूसरे दलों से आगे निकलने में स्पीड ब्रेकर का काम करेगा तथा हालात महाराष्ट्र की तरह ही न बनते जाएंगे इसलिए हर दल अभी से अपने को मजबूत करने में लग गया है। 
कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है। कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा का दौरा करने का ऐलान कर चुके हैं जिसकी शुरुआत सोनीपत के खरखौदा सीट से की जा रही है। इस बहाने दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपना संगठन भी मजबूत करने में कामयाब हो सकते हैं।  

इनसो के तहत युवा शक्ति को जोडऩे का काम करेगी जजपा
इनसो अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी छात्र संघ चुनाव के बहाने युवा शक्ति को एकजुट करने का ऐलान कर दिया है। इससे दिग्विजय सिंह चौटाला छात्रों को इनसो के साथ जोड़कर जजपा को मजबूत करने का काम करेंगे। छात्र संघ के चुनाव करवाना जजपा का पुराना वायदा है। चुनाव न होने के बाद भी जजपा ने इनसो की इकाईयों को कालेजों में गठित कर रखा है। इसी प्रकार इनैलो भी दिसंबर के पहले सप्ताह में ओमप्रकाश चौटाला की संभावित रिहाई का इंतजार कर रही है।

ओम प्रकाश चौटाला जे.बी.टी. भर्ती मामले में साढ़े 8 साल की सजा पूरी कर चुके हैं। केंद्र सरकार के एक कानून तहत ओम प्रकाश चौटाला को ज्यादा उम्र व दिव्यांगता के कारण जेल से रिहाई मिल सकती है। इसके बाद इनैलो भी अपने संगठन को मजबूत करने का काम कर सकती है।अचानक मैदान में उतरे सियासी दल अब लोगों में चर्चा है कि हरियाणा में चुनाव हुए व सरकार को बने हुए करीब 1 महीना पूरा हुआ है। इसके बाद अचानक सियासी दल मैदान में उतर गए हैं। इसका कारण बताया जा रहा है कि सभी दल अपने संगठन को मजबूत कर अपना दायरा बढ़ाना चाहते हैं। 

भाजपा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में 40 सीटें मिली है। भाजपा भी अपने संगठन को मजबूत कर आने वाले समय में अपनी मजबूती और करना चाहती है। जिस प्रकार से इस चुनाव में भाजपा पीछे रह गई तथा अधिकतर मंत्री हार गए तो एक बार फिर से कार्यकत्र्ताओं का मन टटोलने के लिए भाजपा ने सदस्यता अभियान को गति दी है।  इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी 31 सीटों पर ही रह गई।  कांग्रेस पार्टी को 5 से 10 सीट और मिल जाती तो वह सरकार बनाने में कामयाब हो जाती। यही कारण है कि अब दीपेंद्र हुड्डा ठंड में हरियाणा के दौरे कर राजनीतिक माहौल में गर्मी बढ़ाने का काम करेंगे।

दूसरी ओर हरियाणा में जीरी कटाई का काम अधिकतर पूरा हो चुका है तथा गेहंू बिजाई का कार्य भी अंतिम चरण में है इसलिए अब किसान,मजदूर व इनसे जुड़े अन्य वर्ग के लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।  mआगामी चुनाव को देखते हुए भी सभी सियासी दलों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। जो पहले लोगों को साथ जोडऩे का काम करेगा, वही आगे का विजेता रहेगा। जब से जजपा ने कम समय में ही 10 सीटें जीतकर सत्ता में हिस्सेदारी ली है तब से दूसरे दलों ने भी गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया है। यह भी सभी जानते हैं कि यह मजबूरी का समर्थन व गठबंधन है। 

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