Edited By Shivam, Updated: 13 May, 2020 04:27 PM
कांग्रेस केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि पानी बचाने के नाम पर हरियाणा के किसानों को धान न लगाने से रोकने का फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी है। रतिया, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल, कुरूक्षेत्र सहित प्रदेश के कई...
चंडीगढ़ (धरणी): कांग्रेस केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि पानी बचाने के नाम पर हरियाणा के किसानों को धान न लगाने से रोकने का फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी है। रतिया, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल, कुरूक्षेत्र सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में धान किसानों की मुख्य फसल है। हरियाणा में पानी की कमी की आड़ लेकर किसानों से उनका हक छीना जा रहा है। राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में किसान जीरी उगाते हैं और जीरी किसानों की आय का मुख्य साधन है। सरकारी नीतियों से पहले से ही त्रस्त किसानों पर अगर यह मार पड़ी तो वह बदहाली की कगार पर पहुंच जाएगा।
बिश्नोई ने कहा सरकारी उपेक्षा, खराब फसलों का मुआवजा न मिलना, फसलों का सरकार भाव न मिलने सहित अनेक समस्याओं से राज्य का किसान वर्ग जूझ रहा है। ऊपर से प्रदेश सरकार अब किसानों से धान उगाने का अधिकार छीनकर उनके पेट पर लात मारने का काम कर रही है।
बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा सरकार की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप ही आज प्रदेश में लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग संकट से गुजर रहे हैं। इसलिए इनको दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा अविलंब एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की पूरी अवधी के लोगों के घरेलू बिजली व पानी की बिल माफ किए जाएं। राजस्थान सहित कई राज्य ऐसी घोषणा कर चुके हैं। लॉकडाउन के कारण राज्य में बड़ी संख्या में उद्योग चौपट हुए हैं तथा लोगों की नौकरियां गई है। इसलिए राज्य का गरीब व आम आदमी बिजली बिलों के भुगतान करने में असमर्थ है।