नौकरी घोटाले की सही जांच हो तो बड़े चेहरे बेनकाब होंगे : दीपेंद्र हुड्डा

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 13 Apr, 2018 11:17 AM

big scam will be exposed if job scam is properly investigated

नौकरी घोटाले मामले को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा का कहना है कि भर्ती घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों से हो रहे कथित खुलासों से साफ हो गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियों की बोली लगाने वाले रैकेट के हाथ बेहद लंबे थे। इसमे कमीशन...

झज्जर(ब्यूरो): नौकरी घोटाले मामले को लेकर कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा का कहना है कि भर्ती घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों से हो रहे कथित खुलासों से साफ हो गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियों की बोली लगाने वाले रैकेट के हाथ बेहद लंबे थे। इसमें कमीशन के चेयरमैन, सदस्यों, सचिव के अलावा पुलिस, स्वास्थ्य और वित्त विभाग से भी जुड़े थे। उन्होंने कहा कि यह तो पूरी तस्वीर का  केवल छोटा सा हिस्सा है और इस मामले में अभी असली खुलासा होना बाकी है। अगर इस नौकरी घोटाले की निष्पक्षता से जांच हो तो बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।  

झज्जर में बीती देर शाम विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के दौरान सांसद हुड्डा ने कहा कि यह साफ होता जा रहा है कि नौकरी घोटाले की कई परतें अभी सामने आनी बाकी है। असली सरगना अभी भी पर्दे के पीछे छिपे है। 

साफ बात है कि हरियाणा पुलिस का सी.एम. फ्लाइंग जत्था अपने मुखिया या मुख्यमंत्री कार्यालय तथा सरकार से जुड़े तारों का खुलासा नहीं कर सकता। यदि सीएम वास्तव में पाक साफ हैं तो उन्हें हाईकोर्ट के 2 सीटिंग जजों से जांच करवाने से गुरेज क्यों है। 

नौकरी घोटाले की जांच से जुड़े समाचारों का हवाला देते हुए सांसद ने कहा कि उम्मीदवारों को इंटरव्यू में अधिक नंबर देकर सिलेक्शन करवाई गई। जबकि साक्षात्कार के उम्मीदवारों के नंबर बिना आयोग के चेयरमैन, सदस्यों व सचिव की मिलीभगत के बिना नहीं बढ़ाए जा सकते। 

ऐसे में आयोग के चेयरमैन व सदस्यों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की जा रही। सांसद ने जांच प्रक्रिया पर सीधा प्रश्न उठाते हुए पूछा कि अभी तक कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन और सदस्यों पर एफ.आई.आर. करके गिरफ्तार करने की भी हिम्मत नहीं जुटाई गई है। 

घोटाले से जुड़े पर्दे के पीछे छिपे आरोपी आयोग कार्यालय में अपने आपको बचाने के लिए रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं लेकिन सरकार केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यदि न्यायिक जांच नहीं करवाते तो इसका मतलब साफ होगा कि वे घोटाले के आरोपियों को संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक हक नहीं रह गया है।

ऐसे में उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस मौके पर उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एडवोकेट चौ. राज सिंह जाखड़, बादली हलके के कांग्रेसी नेता डा. कुलदीप वत्स, सांसद के मीडिया प्रभारी एडवोकेट विकास अहलावत भी मौजूद थे।

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