नगर निगम में बड़ा घपला, बिना काम किए 35 लाख का कर दिया भुगतान

Edited By Isha, Updated: 02 Jan, 2020 10:57 AM

big scam in municipal corporation paid rs 35 lakh without working

नगर निगम द्वारा गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से सटी ग्रीन बेल्ट में चल रहे सौन्दर्यीकरण के काम में बड़ा घपला सामने आया है। कार्य करने वाले ठेकेदार को विशेष लाभ पहुंचाने के लिए इंजीनियरिंग विंग

गुडग़ांव (ब्यूरो): नगर निगम द्वारा गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से सटी ग्रीन बेल्ट में चल रहे सौन्दर्यीकरण के काम में बड़ा घपला सामने आया है। कार्य करने वाले ठेकेदार को विशेष लाभ पहुंचाने के लिए इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों ने मिलीभगत से साइट पर बिना काम किए 35 लाख रुपये की अदायगी कर दी। यहां तक की स्थानीय पार्षद से कार्य की संतोष जनक रिपोर्ट लिए बिना ही रनिंग बिल राशि का भुगतान कर दिया गया।  

वार्ड 34 के पार्षद आरएस राठी ने इसकी जांच के लिए बुधवार को नगर निगम आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत सौंपी है और अर्बन लॉकल बॉडी मंत्री व प्रधान सचिव अर्बन लॉकल बॉडी को भी पत्र लिखकर संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है। आपको बता दें कि नगर निगम द्वारा वार्ड 34 में गुरुग्राम-फरीदाबाद से सटे ग्रीन बेल्ट का सौन्दर्यीकरण का काम किया जा रहा है। 10 सितंबर के आस-पास इस कार्य को करने की अलॉटमेंट की गई थी और लगभग 75 लाख रुपये इस पर खर्च किए जाने थे। 

स्थानीय पार्षद द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार उक्त ग्रीन बेल्ट के कार्य के लिए ठेकेदार जयसिंह को लगभग 35 लाख रुपये की अदायगी की गई है। जबकि 31 दिसंबर को उनके निरीक्षण के हिसाब से साइट पर 11 लाख का भी काम नहीं है। जबकि इस राशि का भुगतान 25 अक्टूबर 2019 को ही कर दिया गया था। हैरत की बात यह है कि उस समय केवल 5 लाख रुपये का काम ही मौके पर किया गया है। राठी का कहना है कि बिल में 35 लाख में से लगभग 18 लाख रुपये टाईल लगाने के नाम पर दिए गए है जबकि मौके पर टाइल नाम की कोई चीज नहीं है।

यहीं नहीं इस काम की अलॉटमेंट बागवानी के कार्यकारी अभियंता द्वारा की गई जबकि भुगतान 25 अक्टूबर को डिविजन-5 के कार्यकारी अभियंता द्वारा किया गया। राठी का कहना है कि तकनीकी रूप से योग्य पार्षद के रूप में यह बताना उनका कर्तव्य है कि नगर निगम में गंभीर खामियां हैं और सार्वजनिक पैसे का गबन है। इससे पता चलता है कि नगर निगम के अधिकारी उपर से नीचे तक मिलकर व्यवस्था से समझौता कर काम कर रहे है। इस धोखाधड़ी के भुगतान की गहन जांच होनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने मेयर टीम पर भी हमला करते हुए कहा कि यह मामला तो संज्ञान में आ गया लेकिन ऐसे कितने मामले जो उजागर ही नहीं होते और मेयर टीम पर ऐसे गंभीर मुद्दों पर संज्ञान लेने का समय नहीं है।

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