मंडियों में इंतजाम न होने पर हुड्डा ने जताई नाराजगी, कहा- सरकार कर रही अन्नदाता का अपमान

Edited By Isha, Updated: 22 Apr, 2020 10:02 AM

bhupendra singh hooda expressed displeasure over misconduct in the mandi

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश भर की मंडियों में गेंहू खरीद में हो रही भारी बदइंतजामी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनकी बार-बार आग्रह के बावजूद सरकार आंख और

चंडीगढ़(धरणी)- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश भर की मंडियों में गेंहू खरीद में हो रही भारी बदइंतजामी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनकी बार-बार आग्रह के बावजूद सरकार आंख और कान बंद किये रही, जिसका नतीजा ये हुआ कि आज प्रदेश का किसान अपनी फसल बेचने के लिये मंडियों में दर-दर की ठोकरें खा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अगर यूं ही अन्न और अन्नदाता का अपमान करती रही तो महामारी के बाद भुखमरी आने का भी बड़ा खतरा पैदा हो जायेगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिये सरकार को अपना पूर्ण रूप से समर्थन दिया और खुद भी सोशल डिस्टेंसिंग सहित सरकार के तमाम दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन किया। खरीद अव्यवस्था के मामले पर वे राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन किसान की दुर्दशा नहीं होने देंगे, किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसान के हकों की लड़ाई लड़ना उनका कर्तव्य है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर अगले एक दो-दिन में खरीद व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गयी और किसान से उसकी फसल का एक-एक दाना खरीदकर भुगतान की व्यवस्था नहीं कराई तो भारी समस्या उत्पन्न हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि आढ़तियों में इस सरकार के प्रति अविश्वास का वातावरण है, जिससे खरीद प्रक्रिया बाधित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले चल रहे सिस्टम के आधार पर आढ़तियों से विश्वास कायम करके पंजाब की तर्ज पर तेजी से खरीद शुरु कराये। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा का समय नये प्रयोग करने का समय नहीं होता। सरकार ने इस खरीद के सीजन में कई अव्यवहारिक शर्तें लगायी हैं, उन पर सरकार पुनः विचार करे - जैसे एक बार में किसान से उसकी उपज का कुछ हिस्सा खरीदने की शर्त लगायी गयी है, जो अव्यवहारिक है, इसे हटाया जाए। दूसरा, केवल पंजीकृत किसानों से ही फसल खरीदने की शर्त लगायी गयी है, इस पर भी पुनः विचार करे सरकार। सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण ऐसे नये प्रयोग कर रही है जिससे किसान और आढ़ती दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि सरकार का दावा था कि वो किसान का दाना-दाना खरीदेगी, अब दाना-दाना करके खरीद रही है।

हुड्डा ने आगे कहा कि एक ओर पंजाब और राजस्थान की सरकारें खरीद की पुख्ता व्यवस्था कर प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही हैं। दूसरी ओर, हरियाणा सरकार लगातार ये दावा करती रही कि वो खरीद के लिये पूरी तरह से तैयार है। लेकिन, जब किसान मंडियों में गेहूं लेकर आया तो सरकार के सारे दावों की पोल खुल गयी। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब में एक दिन में करीब साढ़े तीन से चार लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की गयी, जबकि हरियाणा में किसानों से एक दिन में एक लाख क्विंटल भी नहीं खरीदा गया।

उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही परेशान किसानों को और परेशान न करे। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, लेबर की कमी आदि परेशानियां झेलकर किसी तरह से किसान अपनी फसल की कटाई कर मंडियों में पहुंच रहा है लेकिन वहां बदइंतजामी देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर रही हैं। दूसरी ओर, मौसम भी लगातार करवट ले रहा है और मौसम विभाग आंधी-बारिश का अनुमान जता रहा है, इससे किसानों की उम्मीदें टूट रही हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि मुश्किल के इस दौर में सरकार सुनिश्चित करे कि मंडियों में सारे इंतजाम दुरुस्त हों तथा किसानों से गेहूं की खरीद बिना किसी परेशानी के हो और आपसी विश्वास के साथ सरकार फसल के एक-एक दाने को ख़रीदे।

 

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