Edited By Shivam, Updated: 09 Jan, 2021 09:07 PM
कोरोना से ठीक होने के बाद हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल यहां ढांसा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने का समर्थन करने पहुंची। यहां उन्होंने अपने सम्बोधन में कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
झज्जर (प्रवीण धनखड़): कोरोना से ठीक होने के बाद हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल यहां ढांसा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने का समर्थन करने पहुंची। यहां उन्होंने अपने सम्बोधन में कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र व प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन ऐसा क्या कारण है कि वह किसानों के बीच आकर उनके मन की बात नहीं सुन रहे हैं। उलटा मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में नकली किसान बैठाकर अपनी बात को सांझा किया। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को काले कानून की संज्ञा देते हुए कहा कि यह कानून केवल और केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ही बनाए गए हैं, जबकि किसानों का विरोध इस बात का परिचायक है कि काले कानूनों से किसान को नहीं बल्कि देश के पूंजिपतियों को फायदा होने वाला है।
भुक्कल ने यह भी कहा कि कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र व किसान संगठनों के बीच कई दौर की वार्ता हुई है, लेकिन इस वार्ता में सरकार ने केवल और केवल किसानों को बहकाने का ही काम किया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों के दिल्ली पहुंचने के कार्यक्रम का समर्थन करते हुए कहा कि इस दिन हमारा जवान व किसान सरकार को अपनी ताकत दिखाएगा।
भुक्कल ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों ने दिल्ली जाने का कार्यक्रम ही इसलिए बनाया है क्योंकि इस दिन हमारे संविधान का गठन हुआ था और सरकार उसी संविधान की धज्जियां उड़ाने पर तुली हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि कृषि कानूनों के विरोध में हमारे देश के पांच दर्जन से भी ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार किसानों की परेशानी नहीं समझ रही है और अपनी हठधर्मी पर अमादा है।