अब बिना व्हाट्सएप के भी हो सकेगी चैटिंग!

Edited By Updated: 30 Dec, 2016 11:06 PM

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अगर बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार काम करने दिया जाए तो वे अपने हुनर से नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है विद्यानगर भिवानी में रहने वाले 11वीं कक्षा के शुभम गोयत ने। आप चैटिंग करना...

भिवानी (पंकेस): अगर बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार काम करने दिया जाए तो वे अपने हुनर से नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है विद्यानगर भिवानी में रहने वाले 11वीं कक्षा के शुभम गोयत ने। आप चैटिंग करना चाहते हैं और आपका व्हाट्सएप नहीं चल रहा तो कोई बात नहीं आप ‘सुपरचैट’ एप डाउनलोड कर लीजिए और मस्ती से कीजिए दिलखोल दोस्तों से बातचीत। इस एप को बनाने वाले हैं मात्र 15 साल के शुभम गोयत। प्रतिभा परिचय की मोहताज नहीं होती।  हालांकि वह नॉन-मैडीकल संकाय में पढ़ता है फिर भी समय निकाल कर घर पर प्रतिदिन एक-डेढ़ घंटा कम्प्यूटर पर अपने हुनर को तराशने में लगाता है। उसको वैबसाइट तथा मोबाइल एप बनाने का शौक है। मात्र 15 वर्ष की उम्र में उसने 3 वैबसाइट तथा 2 मोबाइल एप बना दी हैं। माना जा रहा है कि शुभम गोयत भारत का चौथा बच्चा है जिसने 15 वर्ष की कम उम्र में वैबसाइट बनाई है,इससे पहले 3 बच्चे हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में स्वयं वैबसाइट बनाई हैं।

हाल ही में उसने व्हाट्सएप की तरह एक सोशल मीडिया की एप ‘सुपरचैट’ बनाई है जिसके माध्यम से चैटिंग ,न्यूज व वीडियो का लेन-देन किया जा सकता है। अमेजन-प्लेस्टोर से इसको डाऊनलोड किया जा सकता है। यह नि:शुल्क एप है। उसका दावा है कि ‘सुपरचैट’ के जरिए व्हाट्सएप की बजाय ज्यादा तेजी से और ज्यादा डाटा एक साथ भेजा जा सकता है। उसने इस एप से पहले एक वैबसाइट बनाई थी। विद्यानगर भिवानी में शरदकालीन अवकाश में अपने घर आए शुभम ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग से संबंधित उसने जो वैबसाइट बनाई है वह ऑनलाइन सामान खरीदने वालों को सलाह देती है कि किस कम्पनी में कितनी छूट दी जा रही है। प्रोडक्ट कैसा है और जिन लोगों ने इस प्रोडक्ट को खरीदा है उनका इस प्रोडक्ट के बारे में क्या अनुभव रहा है। मूलरूप से गांव कूंगड़ निवासी शुभम गोयत, मा. शेर सिंह गोयत के पौत्र हैं। उसने बताया कि हालांकि उसने यह वैबसाइट मात्र 3 महीने पहले ही बनाई थी इसके बावजूद भी यह वैबसाइट रूस, जर्मनी, इटली, यूनाइटिड किंगडम समेत करीब डेढ़ दर्जन देशों में देखी जा चुकी है। सबसे ज्यादा रूस में देखी गई है।


यह वैबसाइट बनाने के पीछे क्या कारण है? 
इसके सवाल के जवाब में शुभम का कहना है कि उसके परिवार वालों ने अमेजन व फ्लिप कार्ट कम्पनियों से 5-6 बार सामान मंगवाया है। इस दौरान उसने देखा कि ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में तो कई कम्पनियां हैं परंतु किस कम्पनी का प्रोडक्ट अच्छा है और उसमें कितनी छूट है? इस बात को लेकर कस्टमर में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। कम्पनियों की वैबसाइट खोलकर तुलना करके देखें तो कस्टमर का काफी समय खर्च हो जाता है। 

12वीं कक्षा के बाद भविष्य में क्या करने की योजना है, के सवाल पर शुभम गोयत का कहना है कि वह कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बी.टैक. करना चाहता है और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में भी अगर कोई ‘साइबर-सिक्योरिटी’ से संबंधित स्पैशल कोर्स या डिग्री होगी तो वह उसे करने का इच्छुक है।  जब उससे पूछा गया कि उसका कम्प्यूटर में रुझान कब से है? तो उसने बताया कि उसने सैंट जेवियर सीनियर सैकेंडरी स्कूल चंडीगढ़-सैक्टर 44 में 9वीं कक्षा में ऑप्शनल सब्जैक्ट के रूप में कम्प्यूटर लिया था। उस वक्त कप्म्यूटर टीचर ने जब हमारे को प्रैजैंटेशन दी थी तो उसको इसमें 2 प्रशंसा प्रमाण पत्र मिले थे।

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