मुख्यमंत्री की सोच हरियाणा में बिना खर्चे और पर्ची के नौकरी देने की है: भारत भूषण

Edited By vinod kumar, Updated: 12 Feb, 2021 08:02 PM

bharat said cm s thinking is to give jobs in haryana without spending and slip

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा कि आयोग काबिल बच्चों की नियुक्ति को लेकर चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अपने स्तर पर नए-नए प्रयास करके नकल करवाने की तरकीबों...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा कि आयोग काबिल बच्चों की नियुक्ति को लेकर चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अपने स्तर पर नए-नए प्रयास करके नकल करवाने की तरकीबों को रोकने के लिए प्रयास करता रहता है। 

उन्होंने कहा हाल ही में आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर के लिए करीब 816 पोस्टों के लिए करीब 11000 बच्चों ने तथा फार्मासिस्ट की 600 पोस्टों के लिए 10000 बच्चों ने परीक्षाएं दी हैं। जिसकी मॉनिटरिंग एचएसएससी आयोग के मुख्यालय के हाईटेक कंट्रोल रूम से खुद मेरे द्वारा की गई। उन्होंने बताया कार्यालय से सभी सेंटर्स को मॉनिटर किया गया। नकल रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए। सेंट्रल की एंट्री पर फिस्टिंग टीम, क्यूआरकोड टीम खड़ी की गई और साथ ही साथ वीडियोग्राफी की गई। 

सेंटर्स के गेट पर दो-दो लाइव कैमरे भी लगाए गए। इस सिस्टम को एचएसएससी आयोग के मुख्यालय में ही बैठकर कंट्रोल किया गया। साथ-ही-साथ इस बात की भी समय-समय पर जानकारी ली गई कि सेंटर पर आयोग का प्रतिनिधि पहुंचा है या नहीं। परीक्षा के केंद्र में नियुक्त किया गया सुपरिटेंडेंट बैठा है या नहीं। मानिटरिंग कर रहा है या नहीं। 

उपायुक्त द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी जोकि तहसीलदार, एसडीएम इत्यादि पूरी सुरक्षा के घेरे में फुली पैकड प्रिंटेड मटेरियल को लेकर सेंटर पर पहुंचते हैं और वीडियोग्राफी के साथ सेंटर के सुपरिटेंडेंट के हैंड ओवर करते हैं। जिसे मुख्यालय से ही लाइव देखा जाता है। इसके साथ ही क्लास रूम में जहां बच्चे पेपर देते हैं वहां पर भी बारीकी से नजर रखी जाती है। अगर किसी कैंडिडेट की गतिविधियां संदिग्ध लगती हैं, तो तुरंत उसके बारे में सेंटर सुपरिटेंडेंट या वहां मौजूद आयोग के व्यक्ति से संपर्क किया जाता है।

इसके साथ ही भारत भूषण भारती ने बताया कि एग्जामिनेशन सेंटर में मटेरियल पहुंचने से पहले पेपर किसी के हाथ लगना या उसकी फोटो किसी के हाथ लगने को पेपर लीकेज बोला जाता है। लेकिन एग्जामिनेशन सेंटर पर पहुंचने के बाद अगर उसकी कोई फोटो खींचकर बाहर भेजता है और किसी और से सॉल्व करवाने की कोशिश करता है, तो उसे पेपर आउट बोला जाता है। इन दोनों चीजों पर भी आयोग का पूरा कंट्रोल रहता है। अगर इसमें कोई भी बात संदिग्ध नजर आती है। तो उसे भी तुरंत रोकने का प्रयास किया जाता है। अनफेयरमिंस को रोकने के लिए फुलप्रूफ सिस्टम डेवलप करने का आयोग द्वारा प्रयास किया जाता है।

भारती ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 2015 से नियुक्ति प्रक्रिया शत-प्रतिशत मेरिट के आधार करने का प्रयास किया। यही लक्ष्य हरियाणा सरकार का था। मुख्यमंत्री की सोच हरियाणा में बिना खर्चे और बिना पर्ची के मिले। इसे लेकर शत प्रतिशत सही साबित करने के लिए एचएसएससी ने सबसे बड़े दो चैलेंज इनपरसोनेशन को रोकना यानि एक की जगह दूसरा व्यक्ति बैठेगा और तीसरा व्यक्ति नियुक्ति प्राप्त करके नौकरी करेगा। इसे भी रोकने का आयोग ने पूरा प्रयास किया है। दूसरा चैलेंज अफेयर मींस जिसको हम नकल मारना कहते हैं। पेपर को आउट होना कहते हैं। इस प्रकार के चीजों को भी रोकने का हमने प्रयास किया है और काफी हद तक इसमें सफलता प्राप्त हुई है।
 

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