सावधान, ठगों ने बदला ऑनलाइन ठगी का तरीका, ऐसे बिछा रहे जाल

Edited By vinod kumar, Updated: 25 Nov, 2019 11:26 AM

beware  changed the way of online fraud

एनसीआर में ऑनलाइन ठगी के मामले अक्सर सामने आते हैं तथा ज्यादातर मामलों में मोबाइल पर कॉल कर ईनाम खुलने या एटीएम, सिम बंद होने के नाम पर ओटीपी मांगकर ठगी करना शामिल होता है लेकिन अब लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि अब ठगों ने लोगों को...

फरीदाबाद(महावीर गोयल): एनसीआर में ऑनलाइन ठगी के मामले अक्सर सामने आते हैं तथा ज्यादातर मामलों में मोबाइल पर कॉल कर ईनाम खुलने या एटीएम, सिम बंद होने के नाम पर ओटीपी मांगकर ठगी करना शामिल होता है लेकिन अब लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि अब ठगों ने लोगों को ठगने के लिए नया तरीका खोजा है। ये ठग अब नए तरीके से लोगों के घरों पर ईनामी कूपन और सर्टिफिकेट भेजकर अपने जाल में फंसा रहे हैं। गंभीर विषय यह है कि लोग डर के मारे या अपनी जगहसाई होने के डर से पुलिस तक इसकी सूचना नहीं देते जिससे ऐसे ठगों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये ऑनलाइन ठगों द्वारा ऑनलाइन सामग्री खरीदने वाले लोगों का डाटा लीक कर संबंधित कंपनी के नाम से घर पर डाक से कुछ दिनों बाद स्क्रैच कार्ड भेजा जा रहा है। कार्ड को स्क्रैच करने पर लाखों रुपए ईनाम में जीतने की जानकारी दी जाती है। इतना ही नहीं व्यक्ति को जाल में फंसाने के लिए उसे लालच भी दिया जाता है। ठग साथ में एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार का सर्टिफिकेट भी भेज रहे हैं।

ग्राहक झांसे में फंसकर स्क्रैच कार्ड पर लिखे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जीता हुआ पैसा मांगते हैं तो शातिर ठग मोटी रकम होने की वजह से 50 हजार रुपए पहले खाते में टैक्स के रूप में जमा कराने की कहकर ठगी कर रहे हैं। टैक्स जमा नहीं कराने पर ईनामी योजना लैप्स होने की भी बात कही जा रही है। कुछ जागरुक लोग इस तरह की ठगी से बच रहे हैं परंतु कई लोग इनका शिकार भी बन रहे हैं। शहर के कई लोगों के पास ऐसी डाक पहुंच रही है और लोगों को इस नई ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। 

ग्राहक को दिलाते हैं विश्वास
 ठग इतने शातिर हैं कि ऑनलाइन खरीदारी करने वालों का डाटा लीक कर चुरा लेते हैं। इससे उन्हें ग्राहक के नाम, पते, मोबाइल नंबर और ऑनलाइन ऑर्डर किए हुए सामग्री तक की डिटेल्स उपलब्ध रहती है। इसके बाद वह उसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के नाम से फर्जी लेटर, शानदार डिजाइन के फर्जी स्क्रेच कूपन, एक लाख रुपए का सर्टिफिकेट बनाकर डाक से निर्धारित पते पर भेज देते हैं। कूपन में ठग हेल्पलाइन के नाम पर दो मोबाइल नंबर डाल देते हैं। ऑनलाइन सामग्री खरीदने के बाद उसी कंपनी के नाम से डाक द्वारा शानदार डिजाइन के स्क्रेच कूपन, लैटर और सर्टिफिकेट दिखाते हैं जिससे ग्राहक को उस पर पूरा विश्वास हो जाता है कि यह उक्त ऑनलाइन कंपनी द्वारा ही भेजा गया है। इसे देखकर कोई भी ठगों के जाल में फंस सकता है।

सूबे सिंह, पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि ऑनलाइन ठगी के अक्सर मामले सामने आते हैं। ऐसा सुनने में आ रहा है किइन दिनों ऑनलाइन कंपनियां स्क्रच कार्ड या वाउचर के जरिए अपने ग्राहक को ईनाम देती है। वह ईनाम ग्राहक को ऑनलाइन ऑर्डर करना होता है। इसी का फायदा उठाकर ठग दुरुपयोग कर रहे है। ऑनलाइन खरीदार या कोई भी व्यक्ति इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी ईनामी योजना, स्क्रेच कार्ड, कूपन या ऑफर ग्राहक के नाम पर निकलने के बाद उसके ऐवज में टैक्स, रजिस्ट्रेशन, सिक्योरिटी के नाम पर कोई पैसा नहीं मांगा जाता।

अगर कोई पैसा मांगता है तो आप ठगी का शिकार होने वाले हैं। साथ ही लोगों से अपील है कि वे किसी तरह के लालच में न फंसें और यदि किसी के साथ ठगी होती है तो वह तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दे ताकि ऐसे ऑनलाइन ठगों का पता लगाया जा सके और उन पर कार्रवाई की जा सके।                                        -

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