Edited By Isha, Updated: 11 Nov, 2020 11:21 AM
भाजपा बेशक हाल ही में बनाए गए 3 कृषि कानूनों को कितना भी किसान हितैषी व किसान आन्दोलन को कथित नकली किसानों का विरोध बताती रही हो लेकिन मंगलवार को बरौदा विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में वहां के मतदाताओं
नारायणगढ: भाजपा बेशक हाल ही में बनाए गए 3 कृषि कानूनों को कितना भी किसान हितैषी व किसान आन्दोलन को कथित नकली किसानों का विरोध बताती रही हो लेकिन मंगलवार को बरौदा विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में वहां के मतदाताओं ने न केवल भाजपा-जजपा गठबंधन को नकार दिया अपितु नए कृषि कानूनों पर हरियाणा में वोट की पहली करारी चोट कर दी है।
भाजपा-जजपा गठबधन सरकार के तमाम प्रयासों व कड़ी मशक्कत के बावजूद कांग्रेस का इंद्र राज ‘भालू’ भाजपा के पहलवान से अधिक बलवान साबित हुआ। बरौदा के इस उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार ने भाजपा के योगेश्वर दत्त को 2019 के विधानसभा चुनावों से दोगुने से भी अधिक मतों (10 हजार से ऊपर)से हराकर विधानसभा मे कांग्रेस के विधायकों की संख्या में इजाफा कर दिया। हालांकि इस एक सीट जीतने से सरकार की सिथरता में कोई फर्क नहीं पडऩे वाला लेकिन एक बात स्पष्ट हो गई है कि जिस किसान आंदोलन को सरकार ने हलके में लिया व किसानों पर लाठियां बांझी उसने सत्तारूढ़ दल को गहरी चोट पहुंचा।
इस मिथ्या को भी तोड़ा है कि उपचुनाव सत्तारूढ़ दल ही जीतते हैं। बरोदा उपचुनाव के नतीजों को लोगों ने किसान आन्दोलन का पहला नतीजा बताते हुए कहा है कि प्रदेश का इतिहास गवाह है जिसने भी किसान व कमेरे वर्ग को प्रताडि़त किया, उसे इसके परिणाम सत्ताच्युत होकर भुगतने पड़े।