बरोदा उपचुनाव: बीजेपी कोर ग्रुप की मीटिंग, सीएम ने कई मंत्रियों-सांसदों के साथ बनाई रणनीति

Edited By Shivam, Updated: 22 Oct, 2020 10:51 PM

baroda by election cm formulated strategy in bjp core group meeting

बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने अपना पूरा दम लगाने को तैयार है। रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीजेपी और संगठन को लेकर कई मीटिंग की। पहले गुप्त मीटिंग उसके बाद बरोदा हल्के से कार्यकर्ताओं से...

रोहतक (दीपक भारद्वाज): बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा ने अपना पूरा दम लगाने को तैयार है। रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीजेपी और संगठन को लेकर कई मीटिंग की। पहले गुप्त मीटिंग उसके बाद बरोदा हल्के से कार्यकर्ताओं से मुलाकात और उसके बाद मीडिया से बरोदा चुनाव को लेकर चर्चा, ग्राम प्रधान, मंत्री, सांसद, विधायक के साथ मीटिंग के बाद कोर ग्रुप की बैठक और उसके बाद बीजेपी और जेजेपी नेताओं के साथ मीटिंग की। देर रात तक बैठकों का दौर चला। सीएम मनोहर लाल ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को लेकर मंथन किया और  बरोदा उप चुनाव को लेकर रणनीति बनाई कि किस तरह से बरोदा की सीट को जीता जाए।



बरोदा चुनाव का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने माना कि हरियाणा की राजनीति में जातिवाद का कैंसर है, लेकिन वह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। युवा पीढ़ी जातिवाद में विश्वास नहीं करती, लेकिन पुरानी पीढ़ी के लोग अभी भी इस मानसिकता के तहत वोट करते हैं। उन्होंने जिक्र किया कि अगर ऐसा नहीं होता तो वे महम से भी चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन उनके रणनीतिकारों ने उन्हें मना कर दिया था।

सीएम ने पंजाब सरकार द्वारा कृषि बिलों के खिलाफ कानून बनाए जाने पर कटाक्ष भी किया। सीएम ने कहा कि सिर्फ दो फसलें गेंहू और धान पर एमएसपी से कम खरीदने पर सजा का प्रवाधान किया, लेकिन ये दोनों फसल केंद्र सरकार द्वारा खरीदी जा रही है। अन्य फसलों पर क्यों नहीं बनाया कानून, हरियाणा में सात फसलों को एमएसपी पर खरीदा जाता है। इससे पंजाब के किसान को नुक्सान होगा क्योंकि एमएसपी से कम वहां बिकेगा और वह हरियाणा की तरफ रुख करेगा, लेकिन हरियाणा सरकार उसकी फसल नहीं खरीदेगी क्योंकि वह हरियाणा के किसान की फसल को ही खरीदेगी, जिसकी वजह से वहां का किसान कम दामों पर अपनी फसलें बेचने को लेकर मजबूर होगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब विधानसभा द्वारा पारित कृषि बिलों को किसानों के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा कि इन बिलों में सिर्फ दो फसलों को शामिल किया गया है जो कि गेहूं और धान हैं। अगर सही मायनों में पंजाब सरकार किसान हितैषी होती तो अन्य फसलों को भी इसमें शामिल करती।

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