PLPA में संशोधन बिल को मंजूरी न देने के लिए बंसल ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

Edited By Shivam, Updated: 11 Mar, 2019 10:11 AM

bansal sent memorandum to governor not to approve amendment bill in plpa

वन विभाग ने 27 फरवरी को विधानसभा में पंजाब भूमि परिसंरक्षण अधिनियम 1900(पी.एल.पी.ए.) में संशोधन का बिल, राज्य सूची-भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची की वस्तु 18 के तहत पेश कर विधानसभा में सदन की ओर से पास किया जबकि शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष व...

चंडीगढ़ (बंसल): वन विभाग ने 27 फरवरी को विधानसभा में पंजाब भूमि परिसंरक्षण अधिनियम 1900(पी.एल.पी.ए.) में संशोधन का बिल, राज्य सूची-भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची की वस्तु 18 के तहत पेश कर विधानसभा में सदन की ओर से पास किया जबकि शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष व कांग्रेस नेता विजय बंसल अधिवक्ता ने राज्यपाल को ज्ञापन भेज मांग की कि वन व वन्य प्राणियों की सुरक्षा तथा जनहित में संशोधन बिल को मंजूर न किया जाए, क्योंकि वस्तु 18 के तहत वन विभाग सदन की पटल पर बिल पेश करने में सक्षम नहीं है।

इंदिरा सरकार के समय 1976 में संविधान में 26वां संशोधन किया था जिसमें अनुच्छेद 48 ए के अनुसार पर्यावरण की रक्षा व सुधार-वन तथा वन्य जीवन की सुरक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकार का संयुक्त दायित्व है, क्योंकि वन समवर्ती लिस्ट में है। बंसल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 2006 में वन नीति बनाई थी, जिसमें कहा था कि वन क्षेत्र 6 प्रतिशत है, 2010 में 10 प्रतिशत किया जाएगा और 2020 में 20 प्रतिशत किया जाएगा लेकिन अब तक केवल मात्र 3.5 प्रतिशत ही है।

बंसल के अनुसार पी.एल.पी.ए. में संशोधन लागू हो जाता तो हरियाणा में वन क्षेत्र केवल मात्र 2 प्रतिशत रह जाता। पी.एल.पी.ए. 1900 हरियाणा के शिवालिक क्षेत्र व अरावली पहाडिय़ों के 10 जिलों में लागू है व नॉन फॉरैस्ट एक्टिविटीज पर प्रतिबंध है। बिल पास होने से वन क्षेत्र में अवैध माइङ्क्षनग, पेड़ों का कटाव, इमारतों का निर्माण होने से पर्यावरण प्रभावित हो जाता। सरकार ने बिल से भू-माफिया, बिल्डर्स को फायदा पहुंचाना था।

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