Edited By vinod kumar, Updated: 22 Jan, 2020 04:49 PM
कर्ज वो चीज है, जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है। कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता हैं। आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली के गांव आकड़ावास निवासी बादरराम भी वहीं शख्स है, जो...
रेवाड़ी(महेंद्र): कर्ज वो चीज है, जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है। कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता हैं। आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली के गांव आकड़ावास निवासी बादरराम भी वहीं शख्स है, जो राजस्थान में सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट बनने का सपना संजोय कुछ दिन पहले तक तैयारी कर रहा था।
कुछ माह पहले माह पहले ही उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस परीक्षा का प्री-क्लीयर किया था और अब मेंस की परीक्षा देनी थी, लेकिन इसी बीच एक ऐसा मोड़ आया और वह ग्रुप-डी की नौकरी लगने के लिए किसी कबूतरबाज के चक्कर में फंस गया। इस चक्कर में ना उसे नौकरी भी नहीं मिली और उस पर 15 लाख रुपए का कर्जा भी हो गया। इसी कर्ज को उतारने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया।
सोमवार को इसी दुनिया के साथ कदम ताल करते हुए वह रेवाड़ी में सोने से महंगी नशीली ब्राउन शुगर की सप्लाई करने पहुंच गया, लेकिन उसका पहला ही पड़ाव उस पर भारी पड़ा और वह सीआईए रेवाड़ी की टीम के हत्थे चढ़ गया। दरअसल, स्कूल टाइम से ही होनहार 25 वर्षीय बादरराम के पिता पेमाराम राजस्थान में बिजली निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर्ड है।
पांच भाई-बहनों में 3 बहनों की शादी हो चुकी है। उसकी शादी चार माह पहले ही हुई थी, उसका एक छोटा भाई भी है। आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को उभारने के लिए बादरराम लगातार नौकरी की तलाश में लगा हुआ था। उसने जयपुर में भी तैयारी की, लेकिन वर्ष 2019 में ग्रुप-डी की भर्ती में पैसे देकर नौकरी पाने का लालच उसे भारी पड़ गया।
3 नंबर से सब इंस्पेक्टर बनने से रहा
बादरराम ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2019 में उसने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पेपर दिया था। इस पेपर में वह मात्र 3 अंकों से रह गया था। उसने उसके बाद राजस्थान सिविल सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस की परीक्षा दी। उसमें उसने पहले ही प्रयास में प्री-क्लीयर कर दिया। अभी वह मेंस की तैयारी कर रहा था, लेकिन अगस्त माह में उसने गु्रप-डी की भर्ती में नौकरी लगाने लिए राजस्थान के ही एक व्यक्ति से संपर्क किया।
नौकरी लगवाने के लिए व्यक्ति ने उससे 15 लाख मांगे। नौकरी की चाहत में बादरराम ने दूसरों से 15 लाख रुपए कर्जा लेकर उसे दे दिया, लेकिन उसे ना तो नौकरी मिली और ना ही उसे पैसे वापस मिले। जिस व्यक्ति ने उससे नौकरी लगवाने के लिए पैसे लिए थे वह धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद बंद हो गया। इस बीच बादरराम के घर पैसे मांगने वालों की कतार लगनी शुरू हो गई। इसी से परेशान बादरराम रास्ता तलाश रहा था।
स्टेशन पर माल देकर लौट गया सरगना
बादरराम ने बताया कि उसे किसी परिचित ने ब्राउन शुगर बेचने वाले एक सरगना से मिलवाया था। उसने सिर्फ इतना बताया था कि बैग लेकर उसे रेवाड़ी में सप्लाई देकर आना है। सोमवार की शाम बैग में 734 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सरगना उसे जयपुर स्टेशन के पास छोड़कर गया था। इसके बाद बादरराम एक्सप्रैस ट्रेन से रेवाड़ी जंक्शन पहुंचा था।
उसकी पीठ पर बैग लटका हुआ था। बादरराम ने रेवाड़ी पहुंचने के बाद सरगना को फोन कर सूचित भी कर दिया था। माल को लेने के लिए किसी लोकल आदमी को ही उसके पास आना था, लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। सीआईए की टीम ने अब सरगना के साथ-साथ माल खरीदने के लिए आने वाले को भी दबोच लिया है।
ब्राउन शुगर सोने से महंगा
पुलिस के अनुसार यह एक ऐसे तरह का महंगा ड्रग्स है, जिसकी चपेट में आकर उसके बाद इस नशे की लत से बाहर निकलता मुश्किल है। इसकी कीमत के बारे में बताया जाता है कि यह सोने से भी महंगा बिकता है। पिछले एक साल के दौरान इस नशे का चलन बढ़ा है। हाई प्रोफाइल घर के बच्चे इस नशे की दलदल में ज्यादा फंस रहे है।