सावधान! प्रदूषण बढ़ा तो नहीं मिलेगी तंदूरी रोटी, रेस्त्रां व खुले भोजनालय में तंदूर जलाने पर होगी पाबंदी

Edited By Manisha rana, Updated: 26 Jul, 2022 11:15 AM

attention tandoori roti will not be available if pollution increases

आने वाले समय में तंदूर के कारण दिल्ली-एनसीआर के लोगों के स्वाद का जायजा बिगड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में यदि प्रदूषण बढ़ा तो यहां के लोगों को न केवल...

फरीदाबाद : आने वाले समय में तंदूर के कारण दिल्ली-एनसीआर के लोगों के स्वाद का जायजा बिगड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में यदि प्रदूषण बढ़ा तो यहां के लोगों को न केवल तंदूरी रोटी बल्कि तंदूर में पकने वाले अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों से महरूम होना पड़ेगा। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सख्ती करने की तैयारी कर चुका है।  पिछले काफी समय से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इससे निपटने के लिए सीएक्यूएम ने केंद्र की 2017 में लागू की गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) को नया रूप देने का विचार किया और इसका संशोधित प्रारूप तैयार किया और इसके तहत प्रदूषण बढ़ा तो ढाबा, होटल व भोजनालय में तंदूर चलाने पर रोक लग जाएगी। 

ग्रैप को हर साल अक्तूबर में उस वक्त लागू किया जाता है, जब दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बिगडऩा शुरू होता है। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के स्थायी समाधान खोजने के लिए आम जनता और क्षेत्र विशेषज्ञों से सुझाव लेने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के आधार पर ही सीएक्यूएम ने यह नीति तैयार की।  ऐसे में सीएक्यूएम की ओर से संशोधित ग्रैप के तहत अब दिल्ली-एनसीआर में चलने वाले होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय में पकने वाले तंदूर में कोयले के इस्तेमाल और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध की सिफारिश की गई है।

वहीं जिले के सभी संबंधित विभागों को भी इस संदर्भ में सूचित कर दिया गया है और जिले में इसे लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने ऐसे रेस्तरां, ढाबे व होटलों को चिन्हित भी करना शुरु कर दिया है।  जैसे-जैसे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर चरण एक से दो, तीन और चार तक बढ़ेगा, वैसे-वैसे कई अन्य प्रतिबंध भी लागू किए जाएंगे। ऐसे में प्रदूषण बढऩे पर लागू होने वाले संशोधित ग्रैप सिस्टम की मार भोजनालय व ढाबों एवं होटलों पर सबसे ज्यादा मार पड़ेगी। वहीं लोगों को तंदूरी पकवानों से महरूम रहना पड़ेगा। हालांकि बड़े होटल अन्य पकवानों के लिए इलेक्ट्रिक तंदूर का सहारा ले सकते हैं परंतु ढाबों, भोजनालयों व होटलों में तंदूर में पकने वाली रोटी नहीं मिल सकेगी। ऐसे में ढाबा संचालक व भोजनालय संचालक इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि तंदूर नहीं जलेगा तो ग्राहकों को रोटी कैसे खाने में परोसी जाएगी। हालांकि एक विकल्प तवा रोटी का भी है परंतु बड़े ढाबों व भोजनालयों के अलावा होटलों में भी सभी को तवा रोटी परोसना काफी चुनौतिपूर्ण होगा। 

शादी समारोह में बढ़ेगी परेशानी
अक्तूबर से लागू होने वाले संशोधित ग्रैप सिस्टम में प्रदूषण के चरण के अनुसार कोयले, लकड़ी व  डीजल डीजी सिस्टम पर रोक लगने से शादी समारोह आयोजित करने वालों की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, देव उठनी एकादशी से शादियां शुरू हो रही हैं। इस दौरान कार्यक्रम में बिजली चले जाने पर जनरेटर न होने पर लोगों को दिक्कत हो सकती है। साथ ही मेहमान तंदूर में बनने वाले खाने का लुत्फ भी नहीं उठा सकेंगे। वहीं दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में सीएनजी बेस्ड डीजी सेट नहीं हैं। 

कोयले व लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध 
संशोधित ग्रैप नीति के तहत खराब एक्यूआई यानी 301 से 400 आने पर जिले के  होटल व रेस्तरां में पकने वाले तंदूर में कोयले के प्रयोग व लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी।  इसके अलावा अधिकारियों को चरण 2, 3 और 4 के तहत वायु गुणवत्ता सूचकांक अनुमानित स्तर तक पहुंचने से तीन दिन पहले कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा फरीदाबाद सहित दिल्ली-एनसरीआर के  होटल, रेस्त्रां, ढाबों, भोजनालयों आदि में कोयले, लकड़ी और तंदूर का इस्तेमाल, वेस्ट और अन्य खतरनाक वेस्ट का भी मूल्यांकन किया जाएगा। 

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