Edited By Shivam, Updated: 18 Jul, 2018 09:03 PM
कुछ कर गुजरने की चाहत, मेहनत, लगन और उसे पूरा करने के लिए जब माता-पिता पूरे जी-जान से कोशिश करें, तो बच्चे को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। नैना जैसवाल उस कामयाबी की उदाहरण हैं, जो ना सिर्फ शिक्षा में एशिया में सबसे कम उम्र...
पंचकुला(धरणी): कुछ कर गुजरने की चाहत, मेहनत, लगन और उसे पूरा करने के लिए जब माता-पिता पूरे जी-जान से कोशिश करें, तो बच्चे को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। नैना जैसवाल उस कामयाबी की उदाहरण है, जो ना सिर्फ शिक्षा में एशिया में सबसे कम उम्र 8 वर्ष में 10वीं करने वाली पहली लड़की बनी है बल्कि खेल जगत में भी कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सम्पूर्ण भारत का नाम रोशन किया।
नैना अपने दोनों हाथों से एक ही समय मे एक ही तरह की हैंडराइटिंग कर सकती है। इसके अलावा एक मोटिवेशनल वक्ता के रूप में फेसबुक पर उसके हजारों फॉलोवर हैं। हैदराबाद से पंचकूला के ताऊ देवी लाल खेल परिसर में टेबल टेनिस की जोनल प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची नैना से हुई मुलाकात में नैना ने बताया कि यह सब उसके माता-पिता की मेहनत का नतीजा है जो वो आज इस मकाम पर है। नैना ने बताया कि वह आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रशासनिक सेवा में आना चाहती हैं।
नैना ने बताया कि बचपन से ही मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया है कि नारी अबला नहीं आदि शक्ति है। मैं आज जो भी हूँ चाहे वह शिक्षा हो, खेल या संगीत हो, मैं अपने माता-पिता की वजह से हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे होम स्कूलिंग करवाया है और 5 साल की उम्र तक मेरी मां ने मुझे घर पर ही ट्रेन किया। मेरे पिता एक एजुकेशनिस्ट हैं और 25 साल उन्होंने शिक्षक के रूप में काम किया है। लेकिन 2008 में उन्होंने अपना काम बंद करके मुझे ट्रेन किया और बेसिक से लेकर मेमरी स्किलस, हैंड राइटिंग स्किल्स इत्यादि करवाये।
नैना ने बताया कि वह एशिया की पहली लड़की है जिसने कैम्ब्रिज लंदन यूनिवर्सिटी से 8 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की, 10 साल की उम्र में 12वीं और 13 साल की उम्र में जर्नलिज़म में ग्रैजुएशन करके मैं भारत की यंगेस्ट बैचलर जर्नलिस्ट बनी, 15 साल की उम्र में पोलिटिकल साइंस में पीजी किया तथा जब मैं 16 साल की थी तो मैंने पीएचडी में दाखिला लिया और अभी मैं 18 साल की हूँ और मेरा पीएचडी चल रही है। इसके अलावा वह टेबल टैनिस की खिलाड़ी हैं जो नैशनल और साउथ एशियन चैंपियन भी रही जो मैंने पाकिस्तान में जीता। इसके अलावा जो आईटीटीएफ वल्ड ऑफ स्ट्रीम होता है उसमें मेरी पूरे विश्व में छठी पोजिशन रही। मैं दोनो हाथों से लिख सकती हूं और टाइपिंग में 2 सैकेंड में ड्ड-5 (ए टू जेड) टाइप कर सकती हूं। मुझे रामायण के 108 मनका भी कंठस्थ है।