विधानसभा चुनाव 2019: सांसदों के परिजनों को नहीं मिलेगा भाजपा का टिकट!

Edited By Isha, Updated: 24 Sep, 2019 10:23 AM

assembly elections 2019 members of mps will not get bjp ticket

भाजपा इन चुनावों में परिवारवाद, क्षेत्रवाद तथा जातिवाद को खत्म करने के दावे के साथ मैदान में उतर रही है लेकिन क्या भाजपा वास्तव में इन मुद्दों पर खरा उतर पाएगी, हालांकि यह स्थिति भाजपा द्वारा

चंडीगढ़ (बंसल): भाजपा इन चुनावों में परिवारवाद, क्षेत्रवाद तथा जातिवाद को खत्म करने के दावे के साथ मैदान में उतर रही है लेकिन क्या भाजपा वास्तव में इन मुद्दों पर खरा उतर पाएगी, हालांकि यह स्थिति भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की सूची घोषित करने के बाद स्पष्ट होगी। भाजपा ने अगर इन मुद्दों पर खरा उतरते हुए टिकटों पर कैंची चलाई तो कई बड़े नेताओं के अरमान अधूरे रह जाएंगे। बता दें कि केंद्रीय मंत्री से लेकर कई सांसद अपने बच्चों के लिए टिकट की लॉङ्क्षबग कर रहे हंै, ऐसे में इन बड़े नेताओं की मंशाओं पर भाजपा पानी फेर सकती है या नहीं क्योंकि कई ऐसे नेता हैं जिन्हें भाजपा नजरअंदाज करने से परहेज कर सकती है। 

बीरेन्द्र सिंह राज्यसभा सांसद हैं और उनके पुत्र बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा सांसद हैं, अगर इस बार उनकी पत्नी प्रेमलता को टिकट मिलती है तो भाजपा का परिवारवाद के खिलाफ चलने का नारा कुछ हद तक फीका पड़ सकता है। प्रेमलता उचाना से भाजपा विधायक हैं और ऐसे में उनकी टिकट कटने की संभावना भी न के बराबर है। कहा जाता है कि बीरेन्द्र सिंह ने जब अपने बेटे के लिए पार्टी से लोकसभा की टिकट मांगी थी तो मंत्री पद छोड़कर राज्यसभा सीट से भी इस्तीफा देने के लिए कह दिया था। उनके बेटे सांसद बन गए और बीरेन्द्र सिंह के हाथ से मंत्री पद गया तो वहीं उम्मीद के विपरीत उनके बेटे को मंत्री पद नहीं मिला। भाजपा गलियारों में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि अगर प्रेमलता को टिकट दी जाती है तो एक ही परिवार से तीन लोग सत्ता में होंगे। दूसरी ओर यह भी सुना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव की टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं।

राव इंद्रजीत अहीरवाल बैल्ट के दिग्गज नेता माने जाते हैं और चर्चाओं की मानें तो 2014 के चुनाव में पार्टी ने उक्त क्षेत्र की अधिकांश टिकटें उनकी सहमति से दी थी। क्या इस बार टिकटों में उनका जलवा कायम रहेगा, यह तथ्य तो देखने वाला होगा ही, वहीं उनकी बेटी को अगर टिकट मिलती है तो भाजपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता है तो वहीं उनको नजरअंदाज करते हैं तो अहीरवाल बैल्ट में भाजपा की राह कुछ कठिन भी हो सकती है। इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा भी अपने बेटे को टिकट दिलवाने के लिए लॉङ्क्षबग की बातें सुनी जा रही हैं। सोनीपत से सांसद रमेश कौशिक भी अपने भाई को टिकट दिलवाने के प्रयास में हैं। यह भी सुना जा रहा है कि कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सैनी भी अपनी पत्नी को नारायणगढ़ से चुनाव लड़वाना चाहते हैं और टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं। बता दें सांसद बनने से पहले वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक और सरकार में राज्यमंत्री थे। 

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