Edited By Shivam, Updated: 04 Jul, 2020 10:59 PM
कोरोना महामारी के संकट काल में इस वक्त आशा वर्करों की ड्यूटी सर्वे करने के लिए लगाई गई है। आशा वर्कर भी पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोरोना की लड़ाई में एक योद्धा की तरह लड़ रही हैं। लेकिन इन्हें विभाग की अनदेखी और अत्याचार का शिकार होना...
फरीदाबाद(अनिल राठी): कोरोना महामारी के संकट काल में इस वक्त आशा वर्करों की ड्यूटी सर्वे करने के लिए लगाई गई है। आशा वर्कर भी पूरी तत्परता से अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोरोना की लड़ाई में एक योद्धा की तरह लड़ रही हैं। लेकिन इन्हें विभाग की अनदेखी और अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है। इस दावे को जीवंत करती हुई एक तस्वीर हरियाणा के फरीदाबाद से सामने आया है, जहां एक आशा वर्कर ड्यूटी के दौरान ही बेहोश हो जाती है, जिसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है।
इस तरह की अनदेखी के चलते आशाओं में निराशा फैल रही है। शहर में हेल्थ सर्वे कर रही आशा वर्करों पर काम की अधिकता के चलते वे बीमार हो रही हैं। आशा वर्करों का कहना है कि बिना छुट्टी दिए उनसे लगातार काम लिया जा रहा है जबकि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
शनिवार के दिन आशा वर्कर सुमन बाला, जो सेक्टर 3 में सर्वे करने के लिए गई हुई थी, वह अचानक तबीयत बिगडऩे के कारण बेहोश हो गई। सुमन बाला से कहा गया था कि 11 बजे कोरोना का टेस्ट करने के लिए उसके क्षेत्र में टीम आएगी, लेकिन दो बजे तक भी कोई नहीं पहुंचा और उसपर लगातार काम का दबाव बनाते रहे। जिसकी वजह से वह बीमार होकर बेहोश हो गई। उसके साथ काम करने वाली आशा वर्कर ने उसे अस्पताल में एडमिट कराया।