स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने वाला गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

Edited By Shivam, Updated: 04 Dec, 2019 12:42 AM

arrested for blackmailing health department employees

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा कर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोपित को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपित बलजीत समालखा के किवाना गांव का रहने वाला है। बलजीत नागरिक अस्पताल सोनीपत में तैनात कर्मचारी प्रदीप राणा,...

सोनीपत(पवन राठी): स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा कर उन्हें ब्लैकमेल करने के आरोपित को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपित बलजीत समालखा के किवाना गांव का रहने वाला है। बलजीत नागरिक अस्पताल सोनीपत में तैनात कर्मचारी प्रदीप राणा, नरेश को ब्लैकमेल कर अपनी शिकायत में बयान बदलने के नाम पर उनसे लाखों रूपयों की मांग कर रहा था। 

आरोपी से तंग आकर कर्मचारियों ने मामले की शिकायत राज्य चौकसी ब्यूरो को दी और बलजीत को पैसे देने के लिए मंगलवार को तहसील गन्नौर में बुला लिया। सूचना के बाद टीम भी मौके पर पहुंच गई। प्रदीप ने राज्य चौकसी ब्यूरो के सामने बलजीत को रूपये व एक चैक सौंप दिया और इसी दौरान टीम ने बलजीत को पैसे लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि पानीपत के गांव किवाना निवासी बलजीत ने विजिलैंस को शिकायत दी थी कि उसके भाई प्रदीप ने गढ़ी झिझारा में विवाहित भांजी प्रियांशी को गोद ले रखा है। अब जन्म प्रमाण पत्र में प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलवाने के लिए अस्पताल में 16 सितंबर को फाइल जमा करवाई थी। बलजीत का आरोप है कि इसके बाद वह नागरिक अस्पताल की जन्म-मृत्यु शाखा में कई बार प्रियांशी का जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए गए लेकिन प्रमाण-पत्र नहीं मिला। 

आरोप है कि वहां कार्यरत कर्मचारी नरेश ने चार हजार रुपये मांगे। बाद में कर्मचारी प्रदीप राणा ने 6 हजार रुपये मांगे और कहा कि जब तक रुपये नहीं देंगे तब तक प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। कर्मचारी ने उनकी फाइल गायब करने की भी धमकी दी। बार-बार तंग करने के बाद उन्होंने आरोपितों की रिश्वत मांगे जाने की बातचीत की रिकॉर्डिग कर ली। बलजीत ने रिकॉर्डिग को राज्य चौकसी ब्यूरो को सौंपा जिसके बाद विजिलैंस टीम ने दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

कर्मचारी प्रदीप राणा ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलवाने के लिए अस्पताल में 16 अगस्त को फाइल जमा करवाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद संबंधित पीएचसी को प्रियांशी के माता-पिता का नाम बदलने की परमीशन भी दे दी गई थी। लेकिन इस बीच बलजीत ने उनकी एक झूठी ऑडियो तैयार कर उसके व नरेश के खिलाफ झूठा मुकद्दमा दर्ज करवा दिया था और अब उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। 

बलजीत अपने बयान बदलने के नाम पर उनसे 10 लाख रूपये की मांग कर रहा था। लेकिन बलजीत के साथ उनका सौदा साढ़े तीन लाख रूपये में तय हो गया। इसके बाद उन्होंने राज्य चौकसी ब्यूरो का इस बारे में सूचना दी थी। बलजीत को प्रमाण पत्र देने के लिए सोमवार को गन्नौर तहसील में बुलाया गया। इस दौरान राज्य चौकसी विभाग की निरीक्षक कनुप्रिया व उनकी टीम के सदस्य भी वहां पहुंच गए। जब बलजीत तहसील में पहुंचा तो प्रदीप राणा ने निरीक्षक कनुप्रिया व उनकी टीम के सदस्यों के सामने बलजीत को 2 लाख रूपये नगद व डेढ लाख रूपये का चैक सौंप दिया। 

इसी दौरान निरीक्षक कनुप्रिया व उनकी टीम के सदस्यों ने बलजीत को रंगे हाथों पकड़ लिया। प्रदीप राणा ने बताया कि बलजीत ब्लैकमेल कर दूसरे लोगों को भी अपना शिकार बनाता था। निरीक्षक कनुप्रिया ने बताया कि उन्हें नागरिक अस्पताल सोनीपत में तैनात कर्मचारी प्रदीप राणा, नरेश टीम ने शिकायत दी थी कि समालखा के किवाना गांव का रहने वाला बलजीत उनसे ब्यान बदलने के नाम पर रूपयों की मांग कर रहा है। इस पर टीम गन्नौर तहसील में पहुंची जहां बलजीत को भी बुलाया गया था। प्रदीप राणा ने उनकी टीम के सदस्यों के सामने बलजीत को 2 लाख रूपये नगद व डेढ लाख रूपये का चैक सौंप दिया। इस पर टीम ने बलजीत को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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