पुलिस विभाग की 5000 के करीब विभिन्न अपीले वर्षो से लंबित, कमेटी बनाने के दिए आदेश

Edited By Isha, Updated: 02 Apr, 2022 08:38 AM

around 5000 different appeals of the police department are pending for years

हरियाणा पुलिस विभाग के छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों व अधिकारियों की हजारों अपील सुनवाई के लिए लंबे समय से पेंडिंग पड़ी हैं। किसी भी पुलिस कर्मचारी,अधिकारी के लेबल फिक्स होते हैं। जो अपनी अपील अपने उस संबंधित

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): हरियाणा पुलिस विभाग के छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों व अधिकारियों की हजारों अपील सुनवाई के लिए लंबे समय से पेंडिंग पड़ी हैं। किसी भी पुलिस कर्मचारी,अधिकारी के लेबल फिक्स होते हैं। जो अपनी अपील अपने उस संबंधित अधिकारी तक डाल पाते हैं। सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर या इनके अधीनस्थ आने वाले कर्मचारी एसपी स्तर तक एसपी स्तर तक के अधिकारी आईजी लेवल तक और आईजी लेवल के अधिकारी डीजीपी स्तर तक के या एडिशनल चीफ सेक्टरी गृह विभाग तक अपील दायर कर सकते हैं।

 कोई भी कर्मचारी या अधिकारी एक लेबल तक अपनी अपील डाल सकते हैं। उसमे निर्णय सकारात्मक न आने पर उच्च स्तर भी अपील का प्रोविजिन उनके पास रहता है।एक अनुमान के अनुसार हरियाणा में 22 जिलों तथा पुलिस हेड क्वार्टर एडिशनल चीफ सेक्टरी लेवल को मिलाकर अभी तक 5000 के करीब विभिन्न अपीले विभिन्न स्तर पर पेंडिंग में पड़ी है ।सूत्रों के अनुसार इस मामले में गृह विभाग को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा पिछले दिनों एक पत्र भी लिखा गया था । अनिल विज विभिन्न लेवल पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों की पड़ी लंबित अपीलों पर कई मीटिंगो में अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं । तथा कहा गया था कि लंबित अपीलों को निर्धारित करने का काम एक निर्धारित समय अवधि में किया जाए। जिसके जवाब में डीजीपी हरियाणा कार्यालय से आश्वासन दिया गया था कि उनके स्तर पर प्रतिमाह 30 अपीलो की सुनवाई अवश्य की जाएगी।

पंजाब पुलिस एक्ट के तहत जब तक किसी भी पुलिस कर्मचारी या अधिकारी की अपील या अपील की रिवीजन एसीएस होम तक निर्धारित नहीं हो जाते तब तक पुलिस कर्मचारी या अधिकारी किसी भी न्यायालय में दस्तक नहीं दे सकते। कई पुलिस कर्मचारी तो ऐसे हैं हैं जो हरियाणा में सेवानिवृत्त हो गए मगर उनकी अपीलों का निर्धारण नहीं हो पाया। ऐसे ही कुछ लोग जो अपने थैले उठाएं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पास चक्कर काटते नजर आते हैं ।जो सेवानिवृत्ति नजदीक होने के कारण अपनी अपीले निर्धारित करने के लिए उन से अनुरोध करते हैं। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इसी मद्देनजर हरियाणा के होम को पिछले दिनों पत्र लिख अपीलों का निर्धारण जल्दी करने के लिए कहा ।

सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग अपनी अपीलों  के निर्धारण के मामले में जिस तरह से कछुए की चाल चल रहा है उस तरह से यह लगता है कि 5000 के करीब पेंडिंग पड़ी अपीलों पर निर्धारण होने में कई वर्ष लग सकते हैं। पंजाब पुलिस रूल्स में स्पष्ट है कि अगर किसी मामले में पुलिस कर्मचारी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक निर्णय दे देता है या कोई सजा की कार्रवाई करता है तो वह आईजी, डीजीपी, एसीएस होम के पास अपील रिवीजन के लिए जाते हैं। जब तक विभागीय रूप से यहां निर्धारण नहीं हो जाएगा तब तक कोई भी कर्मचारी या अधिकारी छोटी या बड़ी किसी भी अदालत का रुख नहीं कर सकता। 

सूत्रों के अनुसार कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि अगर एसपी स्तर के किसी अधिकारी से किसी पुलिस कर्मचारी को कोई पनिशमेंट निर्धारित हुई है तो आला अधिकारी भी अपने निर्णय में उसी को यथावत रखते हैं। बहुत कम देखा गया है कि अधिकारी नीचे के अधिकारी के निर्णय को परिवर्तित करते हो। ऐसी स्थिति में पुलिस कर्मचारियों के पास केवल अदालत का रास्ता बचता है। मगर पंजाब पुलिस रूल्स में बंधे होने के कारण वह माननीय अदालतों का रुख नहीं कर पाते। पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रत्यक्ष लेवल पर कई वर्ष अपील के दौरान लग जाते हैं। नियमानुसार एक समय बाद अवधि में इनका निर्धारण अनिवार्य होता है मगर वर्तमान व्यवस्था के दृष्टिगत यह फिलहाल  संभव नहीं हो पा रहा। बहुत सारी अकेले ऐसी हैं जो सरकार के स्तर पर लंबे समय अगर यह कहा जाए कि अनिश्चितकालीन पेंडिंग हो जाती हैं तो गलत नहीं होगा।

सूत्रों के अनुसार हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले में हरियाणा गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी को निर्देश दिए थे ,कि अगर कार्यभार में व्यस्तता के कारण उनके पास समय का अभाव रहता है। अनिल विज ने यह भी लिखा कि ग्रह सचिव हरियाणा के पास स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी का भी कार्यभार है । वह हर व्यक्ति को पर्सनल हियरिंग नहीं दे सकते । इसलिए वह परिस्थितियों को देखते हुए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर पेंडिंग पड़ी अपीलों  का निपटान करवाना शुरू करें। कई वर्षों से कई स्थानों पर बहुत सारी अकेले लंबित पड़ी हैं उन को मद्देनजर रखते हुए  वह इन अपीलों को निर्धारित करने के लिए 3 सदस्य एक स्पेशल कमेटी का निर्धारण कर दें। इस कमेटी में स्पेशल फैक्ट्री सेक्टरी होम -1, डिप्टी फैक्ट्री या अंडर सेक्ट्री होम तथा डिस्ट्रिक्ट एटॉर्नी होम विभाग तीन सदस्य लिया जाए। विज ने यह भी आदेश दिया था कि यह तीन सदस्यीय कमेटी 15 दिनों में कम से कम 50 केसों का निर्धारण करें।  देखने वाली बात यह रहेगी कि गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों को हरियाणा तक गृह विभाग कब तक कार्य निवंत करता है तथा उच्च स्तरीय 3 सदस्यों की कमेटी कब से वर्किंग परफॉर्मेंस दिखाने लगेगी।

 

        

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