अनाथालय, आश्रय स्थलों के नियंत्रण के लिए बोर्ड गठन को मिली मंजूरी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Mar, 2018 07:55 PM

approval of board formation for control of orphanage shelter sites

महिलाओं और बच्चियों के प्रति हिंसा को सख्ती से निपटने के लिए कड़ा कानून बना रही हरियाणा सरकार ने अब अनाथालय, आश्रय स्थलों को भी केंद्र सरकार के निर्देशानुसार संचालित करने के लिए बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की...

चंडीगढ(धरणी): महिलाओं और बच्चियों के प्रति हिंसा को सख्ती से निपटने के लिए कड़ा कानून बना रही हरियाणा सरकार ने अब अनाथालय, आश्रय स्थलों को भी केंद्र सरकार के निर्देशानुसार संचालित करने के लिए बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद गठित होने वाला बोर्ड के मातहत अब प्रदेशभर में चल रहे महिलाओं और बच्चों को लेकर चलाए जा रहे अनाथालय, आश्रमों में पंजीकरण सुनिश्चित होगा।

महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने कहा कि प्रदेश में संस्थान, ट्रस्ट द्वारा संचालित किए जा रहे अनाथालय, आश्रय स्थलों में बच्चों को रखने की स्थिति में उनका पंजीकरण जेजे एक्ट के तहत किया जा रहा है, लेकिन लंबे समय से महिलाओं को आश्रय दे रहे आश्रय स्थलों और अनाथालय के पंजीकरण को लेकर प्रक्रिया नहीं थी। जिसके कारण उनके पंजीकरण तथा केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी। इस पर गंभीरता से विचार करते हुए उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। 

उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिलाओं के रहन-सहन की निगरानी और नियंत्रण के लिए सरकार के स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।

मंत्री कविता जैन ने बताया कि सरकार द्वारा जल्द ही अधिसूचना जारी करते हुए बोर्ड गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड में विधानसभा के तीन सदस्य, प्रदेश भर के अनाथालय, आश्रय स्थलों से पांच नामित प्रतिनिधि सदस्य, सरकार द्वारा नामित कार्यालय प्रभारी, प्रदेश सरकार द्वारा नामित छह सदस्यों में एक सांसद एवं तीन महिला सदस्य लिए जाएंगे और  उनमें से ही बोर्ड चेयरपर्सन का चुनाव किया जाएगा।

बोर्ड के सुचारू संचालन के लिए सरकार स्टाफ, कार्यालय खर्च, फर्नीचर एवं अन्य जरूरी गतिविधियों के संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि भी मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि बोर्ड के गठन से प्रदेश भर में संचालित अनाथालय एवं आश्रय स्थलों में महिलाओं को बेहतर सुविधा दिलाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।

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