बहादुरी अवार्ड वापस कर किसानों के समर्थन में आए अंकुर, आंदोलन में होंगे शामिल

Edited By Shivam, Updated: 20 Jan, 2021 12:24 AM

ankur came in support of farmers by returning bravery award

नए कृषि कानूनों के विरोध में यमुनानगर जिला परिषद के 8 सदस्य और 1 गांव के सरपंच ने अपना इस्तीफा जिला उपायुक्त को सौंपा था। वहीं मंगलवार को बुडिय़ा गांव के रहने वाले अंकुर कुमार ने अपना बहादुरी अवार्ड जिला उपायुक्त को वापस कर दिया।

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): नए कृषि कानूनों के विरोध में यमुनानगर जिला परिषद के 8 सदस्य और 1 गांव के सरपंच ने अपना इस्तीफा जिला उपायुक्त को सौंपा था। वहीं मंगलवार को बुडिय़ा गांव के रहने वाले अंकुर कुमार ने अपना बहादुरी अवार्ड जिला उपायुक्त को वापस कर दिया। 

दरअसल, 14 फरवरी 2014 को पश्चिमी यमुना नहर में डूब रही एक लड़की को बचाने के लिए अंकुर को 15 अगस्त 2014 में बहादुरी अवार्ड से सम्मानित किया गया था। अब अंकुर का कहना है कि इस ठंड के मौसम में किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं, इसके बावजूद सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। इसी के चलते वह किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपना अवार्ड वापस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अब किसान आंदोलन में उतरेंगे और जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होते वह आंदोलनरत रहेंगे।

अंकुर का कहना है कि केंद्र और हरियाणा सरकार किसानों की मांगें मानने के बजाय आंदोलन को खत्म करवाने के हथकंडे रच रही है। हमारा देश लोकतांत्रिक देश है जिसमें लोगों की आवाज को सुना जाना चाहिए, लेकिन सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, जिसके चलते ही आहत होकर उन्होंने अपना अवार्ड वापस सौंपा है।

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