Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Feb, 2018 04:36 PM
रेवाड़ी में पिछले 9 दिनों से जिला सचिवालय पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी आंगनवाड़ी वर्कर का हौसला अब टूटने लगा है। इस दौरान महिला का दर्द देखने को मिला। उनका कहना है कि साहब मेरे दो बच्चे है। आदमी मेरा है नही। जमीन मेरे पास नही अगर 8 हज़ार की...
रेवाड़ी(मोहिंदर भारती): रेवाड़ी में पिछले 9 दिनों से जिला सचिवालय पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी आंगनवाड़ी वर्कर का हौसला अब टूटने लगा है। इस दौरान महिला का दर्द देखने को मिला। उनका कहना है कि साहब मेरे दो बच्चे है। आदमी मेरा है नही। जमीन मेरे पास नही अगर 8 हज़ार की तनख्वाह भी समय पर आ जाती तो मैं अपना इलाज करा लेती। सरकार ने एक महत्वकांशी योजना के तहत विधवा महिलाओं को गुजर बसर करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में लगाया था।
आज अधिकतर कार्यकर्ता वेतन बढ़ोतरी तथा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रही है। लेकिन इनमें से कुछ ऐसी भी है जिनके घर का चूल्हा सरकार से मिलने वाले 8 हज़ार रुपये से ही चलता है। यह 8 हज़ार रुपये भी सरकार समय पर नही देती। ऐसे में आप सहज ही अंदाज़ा लगा सकते है आख़िर कैसे अपना गुजर बसर कर रही है। अंगनवाडी कार्यकर्ता पिछले 9 दिनों से जिला सचिवालय पर धरना व प्रदर्शन कर चुकी है। साथ ही जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को मांगों का ज्ञापन भी सौंप चुकी है। लेकिन अब लगता है कि इनके सब्र का बांध टूट जाएगा।