Edited By Isha, Updated: 02 Jun, 2022 09:10 AM
नगर निगम में आए दिन बड़े बड़े गड़बड़झाले सामने आते रहते है। अब एक ऐसा घोटाला सामने आया है जिसमें निगम अधिकारियों ने ऐसी जगहों पर हाईमास्ट लाइट लगा दी, जो फरीदाबाद में हैं ही नहीं। बुधवार को हाईमास्ट घोटाले की जांच दोबारा से शुरू हुई।
फरीदाबाद : नगर निगम में आए दिन बड़े बड़े गड़बड़झाले सामने आते रहते है। अब एक ऐसा घोटाला सामने आया है जिसमें निगम अधिकारियों ने ऐसी जगहों पर हाईमास्ट लाइट लगा दी, जो फरीदाबाद में हैं ही नहीं। बुधवार को हाईमास्ट घोटाले की जांच दोबारा से शुरू हुई। निगम अधिकारियों की ओर से दावा किया जा रहा है कि लाइटों को शिफ्ट करके दूसरी जगह लगाया गया था, उन्हीं जगहों को फाइलों पर लिखा गया है। बुधवार को जांच अधिकारी जीपी वधवा ने शिकायतकर्ता को हाईमास्ट लाइटों वाली जगह को दिखाया। जहां पर लाइटों को शिफ्ट करके लगाया गया है, लेकिन शिकायकर्ता ने तुरंत इस मामले पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि जो जगह अधिकारियों की ओर से फाइल में दर्शाई गई है। वह जगह तो फरीदाबाद में है ही नहीं। इसको लेकर उन्होंने लिखित में शिकायत भी दे दी। वहीं वार्ड-3 के भीतर छह लाइट लगवाने की बात कही गई थी। जबकि शिकायतकर्ता का कहना है कि वार्ड-3 में केवल तीन ही लाइट लगाई गई है।
एनआईटी के तीन वार्ड नंबर 1, 5, और 6 में हाईमास्ट लाइट लगाने के लिए सीएम अनाउंसमेेंट के कोड नंबर 11098 के तहत लाइट लगाने का काम किया गया था। जिसमें 85 लाख रुपए से तीन वार्ड में 21 हाईमास्ट लाइट लगानी थी। लेकिन निगम ने जिस कंपनी को काम सौपा, उसने केवल छह जगहों पर ही लाइट लगाई। जबकि निगम की ओर से एजेंसी को 21 लाइटों का भुगतान कर दिया गया।
24 लाख रुपए के काम में जारी कर दिए 85 लाख रुपए
निगम ने एजेंसी को काम करने की एवज में अधिक भुगतान कर दिया। निगम नें 24 लाख रुपए के काम का भुगतान 85 लाख रुपए कर दिया। हालांकि इस मामले को पहले पार्षदों ने भी उठाया था। लेकिन वह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद समाजसेवी रामसिंह ने इस मामले की शिकायत की।