Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Feb, 2018 06:45 PM
एक ओर जहां प्रदेश की भाजपा सरकार ने 15 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली की तैयारियां कर रही है वहीं अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने गांव गांव जाकर शाह की रैली का विरोध करने का आह्वान कर रही है। समिति का कहना है, भाजपा अगर...
(ब्यूरो): एक ओर जहां प्रदेश की भाजपा सरकार 15 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली की तैयारियां कर रही है वहीं अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने गांव गांव जाकर शाह की रैली का विरोध करने का आह्वान करने में जुटी है। समिति का कहना है, भाजपा अगर 25 हजार मोटर साईकिलें रैली में शामिल कर रही है तो जाट समुदाय भी 2500 ट्रैक्टर ट्रालियों से जींद की ओर विरोध के लिए बढ़ेगा।
शाह की रैली के विरोधियों में जाट तो हैं हीं वहीं इनेलो ने पूरी तैयारी कर रखी है। इनेेलो का कहना है कि शाह की रैली का विरोध दस हजार काले झंडों और बीस हजार काले गुब्बारों से किया जाएगा। खबरें ये भी कहती है कि रैली में भाजपा महिला कार्यकर्ताओं को शामिल कर रही है। वहीं इनेलो का कहना है रैली का विरोध महिलाएं काली चुनरी ओढ़कर करेंगी।
कहा जा रहा है कि भाजपा ने हर बूथ से कम से कम 20 मोटरसाईकिलें रैली में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश के सभी जिलों में भाजपा के विभिन्न जिलों में भाजपा के अनेकों बूथ हैं, ऐसे में यह संख्या लाखों में पहुंच सकती है। इसी के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शाह की रैली को लेकर हरियाणा सरकार को नोटिस दिया है कि प्रदूषण के चलते रैली में शामिल होने वाली मोटरसाईकिलों की संख्या कम की जाए। हालांकि, अभी तो एनजीटी ने सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
फिलहाल, प्रदेश में शाह की रैली को लेकर भाजपा सरकार काफी उत्साहित है तो वहीं विपक्ष और जाट समुदाय विरोध करने को लेकर उत्साहित है। जाहिर सी बात है कि रैली में शामिल कार्यकर्ता और विरोधियों में टकराव की स्थिति बन सकती है। जिसके लिए हरियाणा पुलिस भी कमर कस रही है।
जाट समुदाय द्वारा विरोध के ऐलान के बाद हाल ये है कि पुलिस विभाग को अपने कर्मचारियों की छुट्टी तक कैंसिल करनी पड़ी हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा सीएपीएफ की जो टुकडिय़ां मंगाई गई हैं वो राज्य में 18 फरवरी तक रह सकती हैं।
बता दें कि जाट समुदाय और राजनीतिक पार्टी इनेलो द्वारा शाह की रैली का विरोध करने की असल वजह जाटों के लिए उनके आरक्षण और इनेलो के लिए एसवाईएल का मुद्दा बताया जा रहा है।