Edited By Shivam, Updated: 30 Jul, 2020 07:23 PM
13 अप्रैल 2016 को हरियाणा सीआईडी विभाग के चीफ बने अनिल राव के उत्तराधिकारी के रूप में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को चुना है। जुलाई महीने में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) में डेपुटेशन पूरा करके लौटे...
चंडीगढ़ (धरणी): 13 अप्रैल 2016 को हरियाणा सीआईडी विभाग के चीफ बने अनिल राव के उत्तराधिकारी के रूप में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को चुना है। जुलाई महीने में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) में डेपुटेशन पूरा करके लौटे हरियाणा कैडर के सीनियर आईपीएस आलोक मित्तल को क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) का एडीजीपी बनाया गया है। हालांकि डेपुटेशन के बाद उन्हें सीआईडी का ओएसडी नियुक्त किया गया था। इस संबंध में नए आदेश गुरुवार को गृह विभाग के एसीएस विजय वर्धन ने जारी किए हैं।
कौन हैं आईपीएस आलोक मित्तल
इलाहाबाद में 1969 में पैदा हुए आलोक मित्तल ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री, नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से सायबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है। 1993 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके आईपीएस बने। पुलिस में आने से पहले उन्होंने करीब साल भर तक जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में नौकरी की, जिसके बाद उन्होंने उन्होंने हरियाणा कैडर ज्वाइन किया था।
आईपीएस आलोक ने ही देश में सबसे पहले 2007 में फरीदाबाद में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महिला पीसीआर शुरू की थी। जब तेलगी स्टाम्प मामला हुआ था, तब आलोक सीबीआई में एसपी थे। उन्होंने ही इस मामले में बाद में आयकर विभाग को शामिल किया, ताकि तेलगी की संपत्ति और आय का आंकलन विधिवत हो सके। इसके अलावा सायबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ रक्षित टंडन के साथ उन्होंने ही गुडग़ांव में साइबर सेफ कैंपेन शुरू किया था। इसमें छात्रों, टीचर और माता-पिता को साइबर सुरक्षा से संबंधित मामलों के बारे में शिक्षित किया गया था। आलोक मित्त राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजे जा चुके हैं।
खट्टर के कार्यकाल में तीसरे सीआईडी चीफ
वर्ष 2014 में हरियाणा में भाजपा सरकार पहली बार सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने सबसे भरोसे मंद आईपीएस शत्रुजीत कपूर को पहला सीआईडी चीफ बनाया। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान न केवल पुलिस नाकाम साबित हुई, बल्कि खुफिया एजेंसियां भी अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वाह न करने के आरोप लगे। प्रदेश सरकार ने राज्य में हुई जातीय हिंसा के करीब पौने दो माह बाद तब पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल तथा एडीजीपी (सीआईडी) शत्रुजीत सिंह कपूर को बदल दिया था। आरक्षण आंदोलन के दौरान दोनों अधिकारियों पर अपने पद के अनुरूप जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करने के आरोप था।
सीआईडी चीफ के पद पर दूसरी ताजपोशी के बाद 13 अप्रैल 2016 को हरियाणा सीआईडी विभाग के चीफ बने अनिल राव 31 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हो रहें हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल के अत्यंत विश्वसनीय अनिल रॉव, खट्टर के पौने 6 साल के शासन काल में 4 वर्ष से अधिक इस महत्वपूर्ण पद पर रह उनके आंख, नाक, कान का काम बखूबी करते रहे। अब तीसरे सीआईडी चीफ के रूप में आलोक मित्तल लगाएं गए हैं। हरियाणा सीआईडी की कमान अब पूरी तरह से 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल के हाथ आ गई है। सरकार ने उन्हें एडीजीपी सीआईडी नियुक्त कर दिया है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। एडीजीपी सीआईडी अनिल राव के सेवानिवृत्त होने पर मित्तल को यह जिम्मेदारी मिली है।
एक महीना पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे मित्तल को ओएसडी सीआईडी लगाया गया था। उसी समय सरकार ने संकेत दे दिए थे कि मित्तल अगले सीआईडी प्रमुख होंगे। अनिल राव ने 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन शुक्रवार को सरकारी अवकाश के कारण 30 जुलाई को ही उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। आलोक मित्तल अनुभवी आईपीएस अफसर हैं। 5 साल 2 महीने तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान वह राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी में रहे।
सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं आलोक मित्तल
इससे पहले व चार साल तक सीबीआई में भी सेवाएं दे चुके हैं। हरियाणा का उन्हें खासा अनुभव है। वह पंचकूला, फरीदाबाद, पानीपत व रोहतक में एसपी रह चुके हैं। एसपी रहने के दौरान उन्होंने अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। फरीदाबाद में उनके कार्यकाल में शुरू हुई योजनाएं प्रदेश भर में लागू हुईं। वह गुरुग्राम में संयुक्त आयुक्त, पुलिस का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।