Edited By Shivam, Updated: 20 Feb, 2019 05:04 PM
हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में शोक प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें मुख्यमंत्री ने पिछले सत्र से लेकर अब तक दिवंगत हुए महानुभावों के लिए शोक व्यक्त किया। सदन की कार्यवाही के दौरान सदन के नेता व मुख्यमंत्री...
चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में शोक प्रस्ताव पढ़ा, जिसमें मुख्यमंत्री ने पिछले सत्र से लेकर अब तक दिवंगत हुए महानुभावों के लिए शोक व्यक्त किया। सदन की कार्यवाही के दौरान सदन के नेता व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में पुलवामा में आतंकी हमले का निंदा प्रस्ताव रखा और भारत सरकार से मुंह तोड़ जवाब देने की मांग की गई। जिसे सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों का एक महीने का वेतन पुलवामा में शहीद हुए परिवारों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा।
हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का आगाज हुआ, जिसके शुरूआत में राज्यपाल ने अभिभाषण शुरू किया। बता दें कि मनोहर सरकार का यह आखिरी बजट सत्र है। इस सत्र में छोटे किसानों को बड़ा तोहफा मिल सकता है। वहीं विपक्ष द्वारा कानून और व्यवस्था और किसानों की दुर्दशा समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के चलते सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस, हरियाण विधानसभा के सदस्य सरदार जसविंदर सिंह संधू, पूर्व राज्यमंत्री हरियाण सीताराम सिंगला, पूर्व राज्यमंत्री वेद सिंह मालिक, हरियाणा के स्वतंत्रता सेनानी, हरियाण के शहीदों, पुलवामा में आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।
हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा जींद उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित है और संभावना है कि वह विपक्षी पार्टियों पर जवाबी हमला करेगी। हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर सत्र की शुरूआत में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि ये 27 फरवरी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को बजट पेश होगा,वहीं 22 और 26 फरवरी को डबल सिटिंग होगी।
राज्यपाल के अभिभाषण की मुख्य बातें
हरियाणा विधानसभा के सम्मानित सदस्यों का 5वें बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर हार्दिक स्वगत करता हूं। मेरी सरकार ने नागरिकों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन प्रदान किया है। हरियाणा सरकार ने किसान, व्यापारी समेत सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी फैसले किए हैं। प्रदेश में पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियों को दिया है। राज्यपाल ने अभिभाषण का कुछ अंश पढ़ने के बाद कहा कि उनका अभिभाषण सदन के पटल पर रखा गया है जिसे पढ़ा हुआ माना जाए।