Edited By Rakhi Yadav, Updated: 08 Apr, 2018 08:51 AM
प्रदेश के शहरी इलाकों में अवैध रूप से बिना नक्शा पास करवाए बन चुके व्यावसायिक स्थल और रिहायशी क्षेत्र में अवैध तरीके से बनाए गए व्यावसायिक स्थलों के मामले में हरियाणा सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जागरूकता के अभाव और...
चंडीगढ़(बंसल): प्रदेश के शहरी इलाकों में अवैध रूप से बिना नक्शा पास करवाए बन चुके व्यावसायिक स्थल और रिहायशी क्षेत्र में अवैध तरीके से बनाए गए व्यावसायिक स्थलों के मामले में हरियाणा सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जागरूकता के अभाव और अन्य कारणों से बन चुके ऐसे स्थलों को तय राशि जमा करवाते हुए नियमित करने का एक अवसर प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। जल्द ही वित्त विभाग से मंजूरी मिलते ही इस नीति के तहत लम्बे अर्से से परेशान छोटे-बड़े दुकानदार, व्यावसायियों को फायदा पहुंचेगा।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बिना नक्शा तैयार करवाए अवैध व्यावसायिक स्थलों मसलन शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, दुकान एवं अन्य संस्थान का निर्माण किया गया। इसमें कई स्थानों पर बिल्डिंग कोड के तहत अतिरिक्त एफ.ए.आर. का उपयोग करते हुए निर्माण कर लिए गए।
इस सम्बंध में प्रदेशभर से एकत्रित एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुलाकात करते हुए अपनी परेशानी से अवगत करवाया था और उनके भवनों को नियमित करने के कोई रास्ता निकालने की मांग की थी। मंत्री कविता जैन ने कहा कि इस मांग पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को गंभीरता से विचार करने और एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए। कुछ समय पहले तैयार हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेजा गया था। जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है।
ऑनलाइन करना होगा आवेदन
उन्होंने बताया कि अब प्रस्ताव को नियमित किए जाने की दर तय करने के लिए बैठक हो चुकी है और जल्द ही वित्त विभाग से मंजूरी प्राप्त होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालिका क्षेत्र में सुनियोजित तरीके से विकास करवाया जाए, इसलिए इस नीति में एक बार ही लाभ दिया जाएगा, ताकि छोटे दुकानदारों को बड़े नुक्सान से बचाया जा सके। मंत्री कविता जैन ने कहा कि जल्द लोग अपने अवैध निर्माण को नियमित करवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और सरकार द्वारा तय दर के आधार पर उनके भवनों को एक बार नियमित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।