भाजपा-जजपा गठबंधन की स्थिति खराब, विधायक ही चल रहे हैं नाराज: अजय सिंह

Edited By Shivam, Updated: 15 Apr, 2021 04:38 PM

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प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच तालमेल की कमी सभी को नजर आ रही है। यहां तक जजपा के विधायक तो खुलकर कई बार विरोध भी जता चुके हैं। जब गठबंधन सरकार के बीच ही विश्वास की कमी हो, तो वह कैसे प्रदेश को...

रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच तालमेल की कमी सभी को नजर आ रही है। यहां तक जजपा के विधायक तो खुलकर कई बार विरोध भी जता चुके हैं। जब गठबंधन सरकार के बीच ही विश्वास की कमी हो, तो वह कैसे प्रदेश को तरक्की के पथ पर ले जाने में सफल होंगे। यह सवाल उठाया है पूर्व बिजली मंत्री व रेवाड़ी विधानसभा से सातवीं बार विधायक बने कैप्टन अजय यादव ने। पंजाब केसरी ने पूर्व बिजली मंत्री से कुछ मुद्दों पर पर बातचीत की जिस के कुछ अंश इस प्रकार हैं-

सवाल-  गठबंधन सरकार पर सवाल उठाने का क्या औचित्य है?
जवाब - जब से भाजपा -जजपा की गठबंधन सरकार प्रदेश में काबिज हुई है तभी से इनके बीच के विवाद कई बार सार्वजनिक हो चुके हैं। जजपा के विधायकों ने तो कई बार खुले मंच पर अपनी नाराजगी जताई है। जब गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होगा तो उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को ही भुगतना होगा।

सवाल - जब देश कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, तो क्या इस समय गठबंधन सरकार पर सवाल उठाना उचित है?
जवाब - सवाल उठाने का मौका खुद गठबंधन सरकार देती है। विगत दिवस जब अंबेडकर चौक पर भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण होना था तो कार्ड पर कई भाजपाई नेताओं के नाम थे लेकिन किसी ने भी इसमें शिरकत नहीं की। इससे साफ है कि अंदर खाने सब कुछ ठीक नहीं है। जब देश की जनता को कोविड-19 की लड़ाई लड़ रही है, तो सरकार को भी उनका पूरा साथ देना चाहिए, जबकि सरकार खानापूर्ति में लगी है।

सवाल - आपका मतलब है सांसद राव इंद्रजीत, गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम के बीच सब कुछ नॉर्मल नहीं है?
जवाब - यह तो कल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण प्रोग्राम से ही पता चल गया। कार्ड पर इन दोनों नेताओं के भी नाम थे लेकिन यह नहीं पहुंचे। वैसे भी जहां दुष्यंत चौटाला होंगे वहां अनिल विज नहीं हो सकते हैं, यह सभी को अच्छी तरह पता है।

सवाल - सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने साथ ही कई पाबंदियां की हैं क्या यह पर्याप्त नहीं है?
जवाब - रात 10 बजे से सुबह 6 बजे नाइट कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है। रात 10 बजे तक अधिकतर लोग अपने घर पहुंच जाते हैं और सुबह 6 बजे तक घर पर ही रहते हैं, इस नाइट कफ्र्यू के क्या मायने हैं। हमको टीकाकरण अभियान पर जोर देना चाहिए।

सवाल- टीकाकरण अभियान चल रहा है और टीकाकरण को लेकर सरकार मेले का भी आयोजन कर रही है।
जवाब - टीकाकरण अभियान जिस गति से चलना चाहिए वह नहीं चल रहा है। रहा टीकाकरण मेले का तो या सिर्फ खानापूर्ति है। इसके विज्ञापन पर ही लाखों- करोड़ों रुपए सरकार द्वारा खर्च कर दिए गए। जबकि यह राजनीति चमकाने के नहीं लोगों की मदद करने का समय है। 

सवाल - पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर आप क्या सोचते हैं?
जवाब- वहां पर सब कुछ केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है। चुनाव आयोग भी मौन है। भाजपा जो कहे, करें वह सब ठीक है लेकिन विपक्ष जो भी करता है वह कानून और चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन होता है। वहां तो पीएम खुद अपने पड़ की मर्यादा खो रहे हैं। जिस प्रकार वह प्रदेश की सीएम को ओ दीदी ओ दीदी कह कर बुलाते हैं, यह प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता है।

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