इनेलो की दो फाड़ के बाद पार्टी पर मालिकाना हक के लिए लड़ सकते हैं अजय चौटाला

Edited By Shivam, Updated: 03 Nov, 2018 09:59 PM

ajay chautala can fight for proprietary rights over party

सूत्रों के मुताबिक पांच नवम्बर के बाद अजय और अभय के बीच संगठन पर हक की लड़ाई तेज हो सकती है। चर्चाएं है कि 5 नवंबर के बाद अजय चौटाला इनेलो की बैठक बुला सकते हैं। अजय चौटाला इनेलो कार्यकारिणी की बैठक में अपने और बेटों के लिए समर्थन मांग सकते हैं।...

चंडीगढ़ (धरणी): सूत्रों के मुताबिक पांच नवम्बर के बाद अजय और अभय के बीच संगठन पर हक की लड़ाई तेज हो सकती है। चर्चाएं है कि 5 नवंबर के बाद अजय चौटाला इनेलो की बैठक बुला सकते हैं। अजय चौटाला इनेलो कार्यकारिणी की बैठक में अपने और बेटों के लिए समर्थन मांग सकते हैं। सूूत्रों का कहना है कि पैरोल पर बाहर आने के बाद अजय चौटाला पार्टी पर हक व सिम्बल की लड़ाई लड़ सकते हैं। अजय चौटाला व नैना चौटाला दोनों इनेलो में हैं। किसके पास रहेगी इनेलो, मामला रोचक हो सकता है।

यदि इनेलो दो ग्रुप में विभाजित हुई तो कौन पार्टी का मालिक होगा, ऐसी स्थिति में मामला चुनाव आयोग के पास जा सकता है। 5 नवंबर सुबह 11 बजे दिल्ली स्थित चौधरी देवी लाल की समाधि संघर्ष स्थल (राज घाट) पर सांसद दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला व अन्य नेतागण भारी जनसमूह के साथ पहुंच सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दुष्यन्त व दिग्विजय 5 नवम्बर की इसी जगह से नई राजनैतिक पारी की पृष्ठभूमि तैयार करेंगे। इनके पिता डॉक्टर अजय चौटाला भी पेरोल पर इसी दिन इन सबके साथ होंगे व पारिवारिक विचार विमर्श की औपचारिकता के बाद दोनों भाई इनेलो से हुए निष्कासन के बाद पहली बार अपनी रणनीति का ऐलान कर सकते हैं।

राजनैतिक दलों पर प्रभुत्व का खेल
एआईएडीएमके-
तमिलनाडू के प्रमुख दल ए आई ए डी एम के  में जय ललिता के निधन के बाद संगठन पर काबिज होने का खेल खूब चला।शशिकला ने जयललिता के उत्तराधिकारी के रूप में कब्ज़ा जमाया तो मधुसूदन व ओ पन्नीर सेल्वम ने संगठन में मजबूत पकड़ के सहारे चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।चुनाव आयोग ने 2017 में मधुसूदन व ओ पन्नीर सेल्वम को पार्टी का नाम व सिंबल प्रदान कर दिया व शशिकला  ए आई ए डी एम के की राजनैतिक उत्तराधिकारी नही बन सकी।

समाजवादी पार्टी- उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर भी राम गोपाल यादव व मुलायम सिंह यादव के एकाधिकार को उनके बेटे अखिलेश यादव ने ललकारा व चुनाव आयोग में संगठन के बलबूते जीत हांसिल करके पार्टी व चुनाव चिन्ह दोनों को प्राप्त किया।

जनता दल यूनाइटिड- बिहार में जनता दल यूनाइटिड के अध्यक्ष शरद यादव व नीतीश में विवाद तब शुरू हुए जब नीतीश ने कांग्रेस व इसके सहयोगी दलों से किनारा किया।नीतीश ने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव को उनकी ही पार्टी से शक्ति प्रदर्शन में चुनाव आयोग में अलग कर दिया।

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