Edited By Deepak Paul, Updated: 15 Nov, 2018 04:00 PM
इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो के बेटे अजय और अभय चौटाला के बीच चल रहा घमासान चाहे अब लोगों के सामने अाया हो, लेकिन ये पिछले डेढ़ दशक से चल रहा है।
गुरुग्राम (ब्यूरो): इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो के बेटे अजय और अभय चौटाला के बीच चल रहा घमासान चाहे अब लोगों के सामने अाया हो, लेकिन ये पिछले डेढ़ दशक से चल रहा है।
अभय के कड़े विरोध के कारणण ही अजय सीएम बनते-बनते रह गए थे, जबकि इनेलो सुप्रीमो ने अजय चौटाला के सीएम बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। सूत्रों के अनुसार, 2004 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अोमप्रकाश चौटाला ने त्यागपत्र देकर अपनी जगह अजय को सीएम बनाने का फैसला लिया था। अभय चौटाला के कारण उनकी यह चाहत पूरी नहीं हो सकी थी। अभय ने इसकी जानकारी मिलते ही कड़ा विरोध किया तो अोमप्रकाश चौटाला को फैसला वापस लेना पड़ा। इस बारे में अजय भली-भांति वाकिफ हैं।
सूत्र बताते हैं कि 2004 में विधानसभा चुनाव से 5-6 साल पहले लोकसभा चुनाव में इनेलो की करारी हार के बाद अोमप्रकाश चौटाला ने अपने स्थान पर अजय को कमान देने की तैयारी कर ली थी और स्वयं राष्ट्रीय राजनीति में जाना चाहते थे। उन्हें लगता था कि राज्य की कमान उनके हाथ में अाने के बाद पार्टी से जनता की नाराजगी दूर हो जाएगी और पार्टी विधानसभा चुनाव अासानी से जीत जाएगी, लेकिन यह निर्णय अभय को नागवार गुजरा।
2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में इनेलो की सरकार थी। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में इनेलो का एक भी उम्मीद्वार चुनाव नहीं जीत सका था। भिवानी से लोकसभा चुनाव में अजय चौटाला को भी हार का सामना करना पड़ा था, जबकि वह इनेलो के सांसद थे। जबकि 1999 के लोकसभा चुनाव में इनेलो-भाजपा गठबंधन ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। इस चुनाव में दोनों दलों के पांच-पांच सांसद चुने गए थे।